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बोधगया विस्फोट : 5 दोषियों को उम्रकैद-अर्थदंड भी, महाबोधि मंदिर में विशेष प्रार्थना

 विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व बौद्ध धर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बोधगया के महाबोधि मंदिर के करीब पांच साल पहले हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद बोधगया में बौद्धभिक्षुओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विश्वशांति के लिए विशेष

Anoop Ojha
Published on: 1 Jun 2018 10:36 PM IST
बोधगया विस्फोट : 5 दोषियों को उम्रकैद-अर्थदंड भी, महाबोधि मंदिर में विशेष प्रार्थना
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बोधगया विस्फोट : 5 दोषियों को उम्रकैद-अर्थदंड भी, महाबोधि मंदिर में विशेष प्रार्थना

पटना/गया: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व बौद्ध धर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बोधगया के महाबोधि मंदिर के करीब पांच साल पहले हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद बोधगया में बौद्धभिक्षुओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विश्वशांति के लिए विशेष प्रार्थना की। एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार ने बोधगया में 2013 में हुए विस्फोट मामले के सभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही इन पर अर्थदंड भी लगाया।

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अदालत ने इंडियन मुजाहिद्दीन के इन पांचों आतंकवादियों को 25 मई को ही दोषी करार दिया था।एनआईए के विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद ने बताया कि अदालत ने उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी को बोधगया में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इन सभी पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

उमर और अजहर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी हैं, जबकि अन्य तीन झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल पटना के बेउर जेल में बंद हैं। सात जुलाई, 2013 की सुबह महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक धमाके हुए थे, जिससे पूरा क्षेत्र दहल गया था। इस धमाके में एक तिब्बती बौद्धभिक्षु और म्यांमार के तीर्थयात्री घायल हो गए थे।

आतंकवादियों ने महाबोधि मंदिर के अंदर और बाहर कुल 13 बम लगाए गए थे। इसमें से 10 बमों में विस्फोट हुआ और तीन जिंदा बम बरामद किए गए थे, जिन्हें बाद में निष्क्रिय कर दिया गया था।

बोधगया विस्फोट के मामले में एनआईए ने करीब 90 गवाहों को अदालत में पेश किया और 11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 25 मई तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 25 मई को पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

इधर, इस फैसले के बाद बोधगया में बौद्धभिक्षुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की है। बौद्धभिक्षुओं ने कहा कि उन्हें 2013 से फैसले का इंतजार था और आज वह घड़ी आ गई। फैसले के बाद इस ज्ञानस्थली में विश्वशांति की कामना के साथ प्रार्थनासभा का आयोजन किया गया।

दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद बौद्धभिक्षुओं ने बोधगया स्थित विभिन्न देशी-विदेशी महाविहारों में प्रार्थना और पूजा की गई। बौद्धभिक्षुओं ने कहा कि विशेष अदालत ने पांचों आरोपियों को सजा सुनाई है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटना न केवल इस जगह, बल्कि कहीं नहीं हो, यही प्रार्थना है।

बांग्लादेशी महाविहार के प्रभारी भंते प्रियपाल ने बताया बोधगया के अंतर्राष्ट्रीय साधना केंद्र में विशेष प्रार्थनासभा का आयोजन किया गया, जिसमें दुनियाभर में शांति की स्थापना की कामना की गई।

उन्होंने कहा, "महाबोधि मंदिर और पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे बम विस्फोट कर अहिंसा फैलाने का जो कुत्सित प्रयास कुछ लोगों के द्वारा किया गया, वो कहीं से भी सही नहीं है।"

इधर, महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष विश्वशांति के लिए प्रार्थना की गई।

महाबोधि मंदिर के एक बौद्धभिक्षु भंते प्रज्ञाशील ने कहा, "मुझे न्यायालय से उचित फैसले की उम्मीद थी। इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों को इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। बम विस्फोट के बाद बोधगया के प्रति पूरी दुनिया में गलत संदेश गया था।"

--आईएएनएस



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

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