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भाजपा ने वोटिंग होते 27 को पार्टी से किया निष्कासित, पढ़िए क्या रही वजह?
मेरठ : निकाय चुनाव का 22 नवंबर को प्रथम चरण का चुनाव होने के बाद भाजपा ने अपने बागी होकर चुनाव लड़े कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर दी। भाजपा से बागी होकर पार्षद पद पर चुनाव लड़ने पर 27 कार्यकर्ताओं को वोटिंग होते ही महानगर अध्यक्ष करूणेश नंदन गर्ग ने पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि क्या इस निष्कासन के पीछे भाजपा की कोई रणनीति थी?
निष्कासन पर उठ रहे सवाल
भाजपा संगठन ने महापौर पद के चुनाव में बागी खेल न बिगाड़े इसलिए वोटिंग तक कार्रवाई नहीं की। बुधवार को जैसे ही वोटिंग संपन्न हुई। महानगर अध्यक्ष ने निष्कासन की कार्रवाई कर दी। भाजपा की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बबीता गुप्ता ने कहा कि वह नामांकन से पूर्व ही महानगर अध्यक्ष को इस्तीफा दे आई थी। उसके बाद निष्कासन का कोई मतलब ही नहीं है। वहीं भाजपाईयों का कहना है कि पार्टी से बागी होकर चुनाव लडने वालों को तो निष्कासित कर दिया। जिन नेताओं ने बागियों को चुनाव समर्थन देकर चुनाव लड़ाया, पार्टी क्या उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी?
ये हुए निष्कासित
महानगर अध्यक्ष करूणेश नंदन गर्ग ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ता सहंसरपाल सिंह, ओमवीर सिंह, राजेश खन्ना, मनमोहन विज, अजय कुमार, मनोज चौधरी, राजेश जैन, रविंद्र तेवतिया, अरूण शर्मा, मनोज गोस्वामी, नीरज सिंह, बबीता गुप्ता, दिनेश गर्ग, सुनील दत्त सैनी, राजेंद्र रिठानी, अशोक राणा, विशाल चौधरी, पूजा भारती, राजबाला, मीनू शर्मा, जसपाल जस्सी, साधना जैन, शिखा सिंघल, जयभगवान, राजबाला, राजेंद्र उपाध्याय और रवि सहदेव ने बागी होकर चुनाव लडा था। इसमें राजेश खन्ना, मनमोहन विज और रवि सहदेव ने वार्ड—23 से भाजपा के पं. संजय त्रिपाठी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।