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कहीं आप तो नहीं अपने बच्चे की इस हालत के जिम्मेदार, रिसर्च में मिला है इसका प्रमाण
लखनऊ: हमारी बदलती लाइफस्टाइल की वजह से बच्चे बाहर खेलने की जगह घर में ही गैजेट की दुनिया से अपना दिल बहलाते हैं। बदलते लाइफस्टाइल की वजह से बच्चे भी मोटापे का शिकार होने लगे हैं। ऐसे में बच्चों के मोटापे को समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो उन्हें कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। एक रिसर्च के अनुसार, बच्चों में मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए बच्चों का शेड्यूल में होना बहुत जरूरी है। बच्चों में मोटापा,एक ऐसी बीमारी है जो कई और बीमारियों को दावत देती है। इसका असर दिन पर दिन तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है।
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बीमारियों में से एक खतरनाक मोटापा भी इस आलस की वजह और एक जगह पर बैठे रहने से होता है। मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप में कई और बीमारियों की जड़ बन जाती है।
रिसर्च के अनुसार, छोटी सी उम्र में ही बच्चों का एक शेड्यूल बना दिया जाए तो बच्चों में मोटापे की की समस्या कम होती है। यानि बच्चों के सोने, खाने और खेलने का समय निश्चित कर दिया जाए तो इससे बच्चा एक्टिव भी रहता है।
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यहां हुआ रिसर्च
अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की चीफ राइटर सारा एंडरसन का कहना है कि ये रिसर्च साबित करती है कि प्री-स्कूली आयु वाले बच्चों का रूटीन शेड्यूल होने से उनका हेल्थ डवलपमेंट अच्छा रहता है। साथ ही ऐसे बच्चों में मोटापे की समस्या नहीं रहती।
रिसर्च में 3 साल तक की उम्र के 3000 बच्चों के रूटीन शेड्यूल को चेक किया गया। बच्चों के समय से सोने-जागने, समय से खाने और उनके समय से टीवी देखने का विश्लेषण किया।
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ओबेसिटी मैग्जीन में पब्लिश इस रिसर्च में रिसर्चरों का कहना है कि जिन बच्चों का रूटीन शेड्यूल्ड नहीं था उनमें 11 साल तक आते-आते मोटापे की आंशका अधिक रही। इतना ही नहीं, रिसर्च में ये भी पाया गया कि जो बच्चे टाइम पर सोने जाते हैं उनके मुकाबले टाइम पर नहीं सोने वाले बच्चों में मोटापे की आशंका अधिक रही। ये खतरा उन बच्चों में और ज्यादा रहा, जिन्होंने समय पर सोने के नियम का पालन नहीं किया।
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बच्चों के डायट और सेहत का रखें ख्याल
सेहत के लिए सबसे जरूरी है एक्सरसाइज, तो अपने बच्चो को हमेशा घर पर ही ना रहने दें। उन्हें सैर पर भेजें।
कोल्ड ड्रिंक ना पिएं, और अगर पी भी रहें हैं तो एक दिन में 80 एमएल से ज्यादा न पिएं।
बच्चो को चीनी वाली मिठाइयां ना खिलाएं, इससे मोटापा तेजी से बढ़ता है।
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सफेद चावल,घी, मैदा और चीनी से परहेज करें, इसमें ज्यादा मात्रा में फैट पाया जाता है।
कोशिश करें कि बच्चो को हफ्ते में एक दिन ही कार्बोहाइड्रेट्स (ब्रेड, फ्रूट जूस, बीन्स,जैम,आलू आदि) का सेवन करने दें।
कड़वे और मीठे फल मिलाकर खाएं जैसे आलू, मटर की जगह आलू मेथी बनाएं।
करेले, मेथी, पालक, भिंडी जैसी हरी कड़वी चीजें खाएं, ये मोटापे को कम करने में मदद करती है।