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गाढ़े वक्त में काम आई बच्चों की गुल्लक,​ बेटा बोला- बापू ने कहा है डबल दूंगा

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Published on: 13 Nov 2016 11:01 AM GMT
गाढ़े वक्त में काम आई बच्चों की गुल्लक,​ बेटा बोला- बापू ने कहा है डबल दूंगा
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गाढ़े वक्त में काम आई बच्चों की गुल्लक, बेटा बोला- बापू ने कहा है डबल दूंगा

बहराइच: इंडियन इकोनॉमी को फिल्‍टर करने के लिए पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद लोगों की जेब में करेंसी खत्म हो गई है। वे रोजमर्रा के खर्चे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में बच्चों के गुल्लक से परिवारीजनों के चेहरे पर चमक लौटी है। कई परिवारों में पैरेंट्स के आदेश पर बच्चों ने गुल्लक तोड़कर उन्हें पैसे दिए। हालांकि पैरेंट्स ने वादा किया कि बैंक से पैसा निकालने के बाद वह बच्‍चों की गुल्‍लक में दोगुना पैसा डालेंगे।

दोगुना पैसे वापस करने का आश्वासन

किसी को बैंक से पैसे मिलने पर दोगुना पैसे गुल्लक में जमा करने का आश्वासन मिला तो किसी को गुल्लक के पैसे के एवज में साइकिल व अन्य तोहफा देने का आश्वासन अभिभावकों ने दिया है।

500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद मध्यम और सामान्य परिवार के लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। हालात यह हैं कि पैसा बैंक में है पर निकल नहीं पा रहा। एटीएम काम नहीं कर रहे हैं। हजार, पांच सौ के जो नोट थे, वह बाजार में दुकानदार ले नहीं रहे। ऐसे में रोजमर्रा के खर्च प्रभावित हो रहे हैं।

किसी की जेब में पांच रुपए तो किसी की जेब में 10 रुपए बचे हैं। परेशान गृहस्वामी परिवार का खर्च कैसे चले, इसी ऊहापोह में हैं। ऐसे में बच्चों के गुल्लक से उनके चेहरे पर रौनक आई है।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें कैसे मिली पैरेंट्स को राहत...

गुल्लक के पैसे से पैरेंट्स को राहत

शहर के मोहल्ला खत्रीपुरा निवासी आलोक श्रीवास्तव के पुत्र अंश श्रीवास्तव और आंशी श्रीवास्तव ने शनिवार को अपने गुल्लक तोड़कर पापा को ढाई हजार रुपए दिए। आलोक ने बताया कि तीन दिन से पैसों की समस्या से जूझ रहे हैं। बच्चों के गुल्लक का पैसा मिलने के बाद काफी हद तक राहत मिली है। अंश और आंशी ने कहा कि गुल्लक से निकले पैसे का दोगुना पैसा पुन: गुल्लक में जमा करवाने की बात मम्मी-पापा ने कही है।

वंश और विराज को मिलेगी साइकिल

शहर के दीवानी कचेहरी के निकट के निवासी अधिवक्ता विवेक कुमार के पुत्र वंश और विराज ने भी अपने गुल्लक से माता-पिता के रोजमर्रा के खर्च में मदद की है। वंश और विराज के गुल्लक से भी लगभग 2600 रुपए निकले। इससे परिवार को काफी राहत मिली है। अधिवक्ता विवेक कुमार ने कहा कि बेटे और बेटियों ने साइकिल की इच्छा जताई है। बैंक से लेनदेन सामान्य होने पर दोनों को तोहफे के रूप में साइकिल देंगे।

पैसा तो मिलेगा ही, जो डिमांड होगी पूरी करेंगे

खत्रीपुरा निवासी दीपक श्रीवास्तव की बेटी अनन्या और दीया के गुल्लक से भी लगभग दो हजार रुपया निकला। अनन्या और दीया ने अपनी कोई डिमांड माता-पिता के सामने नहीं रखी है। हालांकि व्यवसायी दीपक का कहना है कि बेटियों के गुल्लक से निकले पैसे के सापेक्ष दोगुना पैसे जमा कर दूसरा गुल्लक देंगे। जो भी डिमांड होगी, पूरी करेंगे।

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