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...तो क्या इस टोटके की वजह से नोएडा नहीं गए UP के CM अखिलेश यादव?
लखनऊ: यूपी के तमाम सीएम की ही तरह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी एक टोटके की वजह से आखिरकार इस बार नोएडा नहीं आए। अखिलेश को उसी टोटके का डर सता रहा है जिसके चलते पहले के भी मुख्यमंत्री नोएडा आने से कतराते रहे हैं।
हां एक बात जरूर है कि अखिलेश यादव ने वादा तो किया कि अगर 2017 में उनकी सरकार बनती है तो वो नोएडा जरूर आएंगे। लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि सीएम अपने वादे पर कितना कायम रहते हैं। क्योंकि नवंबर में भी सीएम अखिलेश ने नोएडा आने और तमाम परियोजनाओं का शिलान्यास करने का वादा किया था।
सीएम आवास से ही दिखाई हरी झंडी
बता दें कि बुधवार को यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की अहम परियोजनाओं समेत 11 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई। सीएम ने इसके लिए 5, कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास को ही चुना। हालांकि इस बात को लेकर संशय शुरू से था कि सीएम इन परियोजनाओं का लोकार्पण करने नोएडा जाएंगे या नहीं।
आगे की स्लाइड में पढ़ें आखिर क्या है नोएडा का टोटका? ...
'टोटके' पर लगाया था ठहाका
बताया जाता है कि यूपी के सीएम के ऐसा करने पीछे सियासी गलियारे में मौजूदा नोएडा को लेकर अंधविश्वास था। हालांकि बीते 2 दिसंबर को दिल्ली में कार्यक्रम में शिरकत करने आए अखिलेश यादव ने नोएडा के टोटके वाले सवाल पर ठहाका लगाया था। उस वक़्त उन्होंने कहा था वो जल्द ही नोएडा का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि सीएम इन प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाने नोएडा जरूर आएंगे।
क्या है नोएडा का टोटका?
यूपी के सियासी गलियारे में ऐसा मन जाता है कि सूबे का सीएम अगर नोएडा का दौरा करता है तो जल्द ही उसे कुर्सी से बेदखल होना पड़ता है। यह टोटका करीब दो दशकों से भी ज्यादा समय से चलता आ रहा है। इस टोटके की वजह से सूबे के सीएम नोएडा आने से कतराते हैं।
-इस अपशकुन की शुरुआत साल 1988 में हुई थी जब तत्कालीन सीएम वीर बहादुर सिंह को नोएडा दौरे के कुछ दिनों के भीतर सत्ता गंवानी पड़ी थी।
-1989 में एनडी तिवारी, 1995 और 1999 में कल्याण सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ था।
-1995 में सीएम रहते मुलायम सिंह यादव जब नोएडा गए थे और कुछ महीने के भीतर ही सत्ता से बेदखल हो गए।
-1999 में रामप्रकाश गुप्ता के साथ भी ऐसा हुआ था।
-1997 में मायावती भी सीएम रहते नोएडा गईं थी जिसके बाद वो सत्ता से बाहर हो गईं थीं।
-मायावती ने एक बार फिर अक्टूबर 2011 में नोएडा आने का साहस किया था।
-उन्होंने दलित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया लेकिन अगले साल हुए चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई।