गरीब की दुआ: मनीराम बोला- जुग जुग जिएं CM साहब! रिक्शा नहीं ये 'रथ' है

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Published on: 30 Oct 2016 4:00 AM GMT
गरीब की दुआ: मनीराम बोला- जुग जुग जिएं CM साहब! रिक्शा नहीं ये रथ है
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गरीब की दुआ: जुग जुग जियैं सीएम साहब! रिक्शा नहीं ये 'रथ' है 'अखिलेश भइया की जय'

लखनऊ: समाजवादी रिक्शा पाकर मनीराम की गरीबी तो दूर नहीं हुई, लेकिन उसे कमाने खाने का एक स्थाई जरिया जरूर मिल गया। अब उसे 70 रुपए प्रतिदिन किराए पर लेकर रिक्शा नहीं चलाना पड़ेगा। इन बचे पैसों से वह अपने 6 बच्चों, पत्नी मायावती का और अच्छे से पालन कर सकेगा।

रिक्शा पाने के बाद मनीराम कितना खुश था इसे शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 100 किमी दूर रायबरेली स्थित अपने गांव रिक्शा चलाकर पहुंच गया।

मनीराम का पूरा परिवार जब एक साथ रिक्शे पर चढ़कर सैर करने निकला तो वह रिक्शा उसके लिए किसी 'रथ' से कम खुशी नहीं दे रहा था। मन ही मन मनीराम आसमान में उड़ रहा था। पूरा परिवार जब एक साथ रिक्शे पर बैठकर चला तो मनीराम के मन से निकल ही पड़ा, 'अखिलेश भइया की जय'।

घर का नहीं मलाल

रिक्‍शा चालक मनीराम को सीएम अखिलेश ने रिक्‍शा और 1 हजार रुपए के साथ घर देने का वादा भी किया था। इतना ही नहीं उन्‍होंने ये भी कहा था कि वह उसके बच्‍चों की पढ़ाई का इंतजाम भी करेंगे। हालांकि अभी तक मनीराम को ये नहीं मिल सका है, लेकिन उसका कहना है कि उसे घर मिले या न मिले इसका मलाल नहीं है सीएम साहब ने मेरे लिए इतना किया वही बहुत है। मनीराम ने कहा कि वह हमेशा सीएम के इस उपकार का आभारी रहेगा ।

अब रथ की तरह दौड़ेगा रिक्‍शा

मनीराम का कहना है कि सीएम अखिलेश ने मुझे रिक्‍शा नहीें रथ दिया है। मैं इस रथ को हमेशा दौड़ाता रहूंगा। इस रथ को मैं हमेशा अपने पास खुद से ज्‍यादा संभालकर रखूंगा यह हमारे सीएम का उपहार है जो हमेशा हमे याद रहेगा । इस पर सवार होकर मुझे और मेरे परिवार को बहुत खुशी हो रही है।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें मनीराम को कहा मिले Paytm के सीईओ

मुख्‍यमंत्री को नहीं पहचान पाया मनीराम

-मनीराम ने बताया कि Paytm के उसे 5 कालिदास मार्ग पर मिले।

-उस दिन जाम बहुत था और उनकी गाड़ी जाम में फसी थी।

-उन्होंने मुझे रोका और मेरे रिक्शे पर बैठकर सीएम साहब के वहां ले गए।

-मेरे सामने सीएम साहब खड़े थे Paytm के सीईओ ने कहा कि इन्हें पहचानते हो।

-हमने जवाब दिया कि हम नहीं जानते तो उन्होंने बताया कि ये मुख्यमंत्री हैं अखिलेश भईया।

सीएम ने मगवाया नया रिक्‍शा

-हम दौड़कर पैर छुए अखिलेश भइया ने हमे 5 हजार दिए और सीईओ ने 1 हजार रुपए दिए ।

-उन्‍होंने पूछा तुम्‍हारी बीवी का क्‍या नाम है तो मैने कहा कि 'मायावती'

-हमसे कहा कि हम तुम्‍हे नया रिक्‍शा देंगे ये पुराना रिक्‍शा यहीं खड़ा कर दो।

-हम वहीं तीन घंटा तक खड़े रहे फिर पिकअप गाड़ी पर लदकर एक रिक्‍शा आया ।

-साहब हमको बैटरी रिक्‍शा देने को कह रहे थे लेकिन वो मिला नहीं तो हमने कहा यही पैडल वाला ही दे दो।

-इसके बाद गाड़ी से हमने ही रिक्‍शा उतारा।

-हमने उनके पैर छुए उन्‍होंने हमारी पीठ थपथपाई बस हो गया हमारा काम

घर देने का किया वादा

-अखिलेश भइया ने हमसे पूछा कितने दिन से यहां रहते हो तो हमने कहा 15 साल से।

-उन्‍होंने कहा कि कहां रहते हो हमने कहा यहीं आस पास और रिक्‍शे पर ही सो जाते हैं।

-उन्‍होंने पूछा ठंढ नहीं लगती तो हमने कहा नहीं ,जब लगती है तो आवास विकास के पुल के नीचे चले जाते हैं।

-अखिलेश भइया ने हमसे पूछा घर चाहिए तो हमने कहा हां चाहिए ।

-उन्‍होंने हमसे वादा किया है कि वह लखनऊ में हमको घर देंगे ।

चौथी स्‍लाइड में लगे वीडियों में देखिए रिक्‍शा चालक मनीराम की किस अदा पर खुश हो गए सीएम अखिलेश...

क्‍या था पूरा मामला

भाईयों! ये यूपी है। एक तरफ जहां पुलिस का एक छोटा सा नुमाइंदा एक गरीब रिक्शा चालक को सरेआम पीटता और घसीटता है वहीं यूपी का मुखिया एक दूसरे रिक्शा चालक के प्रति इतना संवेदनशील हो जाता है कि आप भी जानकर यकीन नहीं करेंगे।

जी हां! मुफलिसी में जी रहे रिक्शा चालक मनीराम की गुरुवार को अचानक सीएम अखिलेश से मुलाकात हो गई। मनीराम को यकीन नहीं हो रहा था कि वह सीएम के इतना करीब है। शायद उसने कभी सपने में नहीं सोचा होगा।

‘ई साहब लई कै आएंं हैं’

दरअसल, मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में ‘पेटीएम’ का अभिनव प्रयोग करने वाले विजय शेखर शर्मा गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास जा रहे थे। इस दौरान जाम ने उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने अपनी कार से उतरकर एक रिक्शा पकड़ा और सीधे पांच कालिदास मार्ग पहुंच गए।

इसी दौरान सीएम अखिलेश बाहर आ गए और उन्होंने रिक्शा चालक को देखकर सवाल किया कहां आ गए हो? वह घबराकर क्षेत्रीय भाषा में बोला-‘ई साहब लई कै आएं हैं।’ सीएम हंस पड़ें और उसके करीब पहुंच गए। सीएम ने रिक्‍शा चालक से उनका नाम पूछा तो उसने अपना नाम ‘मनीराम’ बताया और कहा कि मैं आपका पड़ोसी हूं, यहीं कालिदास मार्ग पर ही रात को मैं रहता हूं और रिक्शे पर ही सोता हूं।

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मनीराम की बाते सुन हंस पड़े सीएम अखिलेश

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जंगलाट गांव के निवासी व अनुसूचित जाति के मनीराम की इस बात से सीएम अखिलेश खूब ठहाका लगाकर हंसे मनीराम के रिक्‍शे पर बैठकर आए शेखर शर्मा ने भी हंस पड़ें। मनीराम ने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं। उसने 40 रुपये प्रतिदिन के किराये पर उसने रिक्शा ले रखा है।

डरा सहमा मनीराम बिना पैसे लिए ही अपने रिक्‍शे पर चढ़कर वापस जाने लगा तब मुख्यमंत्री ने उसे रोका और सचिव प्रांजल यादव को उसे नया ई रिक्शा दिलाने को कहा। मुख्यमंत्री ने उसके बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने व लोहिया आवास आवंटिक करने का निर्देश भी दिया।

दीवाली से पहले मनीराम ने सीएम अखिलेश से इतना बड़ा तोहफा पाकर कहा ‘लक्ष्मी जी सदा सहाय’ और मुख्यमंत्री के लिए ढेरों दुआएं। इस घटना के बाद रिक्शा चालकों को ठहरने के लिए कोई रैन बसेरा बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।

आगे की स्‍लाइड्स में लगी फोटोज में देखें रिक्‍शे पर बैठा मनीराम, खुशी से झूम रहा परिवार

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