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जनता दरबार में इस महिला टीचर ने CM को कहा-चोर तो मुख्यमंत्री ने दिया सस्पेंड का आदेश

suman
Published on: 30 Jun 2018 9:21 AM GMT
जनता दरबार में इस महिला टीचर ने CM को कहा-चोर तो मुख्यमंत्री ने दिया सस्पेंड का आदेश
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देहरादून: यहां उत्तरकाशी में एक शिक्षिका पिछले 20 सालों से एक ही स्कूल में पढ़ा रही है और कई दिनों से अपने ट्रांसफर के लिए अफसरों के ऑफिसों के चक्कर काट रही है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है। मुख्यमंत्री आवास में लगे जनता दरबार में एक महिला ने कुछ ऐसा कर दिया कि हंगामा मच गया। उसने अपने ट्रांसफर की मांग को लेकर ऐसा किया। उत्तरकाशी में तैनात प्राइमरी स्कूल की महिला शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा अपनी समस्या बताने के लिए जैसे ही मुख्यमंत्री के जनता दरबार में महिला खड़ी हुई वैसे ही सीएम ने उसे निलंबित करने की बात कह दी , जिस पर महिला ने आपा खो दिया और मुख्यमंत्री व आसपास बैठे अधिकारियों को लताड़ लगानी शुरू कर दी।इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया। इतना ही नहीं महिला ने मुख्यमंत्री को चोर तक कह दिया।

महिला शिक्षिका उत्तरा पंत पिछले 20 सालों से उत्तरकाशी के एक प्राइमरी स्कूल में तैनात है और लंबे समय से अपने ट्रांसफर करने की मांग कर रही है. लेकिन अब तक उनका ट्रांसफर नहीं हुआ, जिससे गुस्सा होकर महिला शिक्षिका ने अपना सारा गुस्सा सीएम रावत और जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों पर निकाल दिया.

वहां मौजूद अधिकारी कुछ समझ पाते इससे पहले ही महिला ने सीएम रावत को खूब खरी-खोटी सुना दी. महिला के अचानक शोर मचाने से वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. महिला के अनुसार वह एक विधवा है और उसके बच्चे देहरादून में रहते हैं. वह पिछले 20 सालों से एक ही स्कूल में पढ़ा रही है और कई दिनों से अपने ट्रांसफर के लिए अफसरों के ऑफिसों के चक्कर काट रही है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है।

महिला के इस तरह शोर मचने पर आस-पास के लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन महिला नहीं मानी. इस पर सीएम रावत ने महिला शिक्षिका से शांत होने को कहा. उन्होंने कहा कि शांत हो जाओ, वरना तुम्हारी नौकरी चली जाएगी। इसके बाद जब शिक्षिका शांत नहीं हुई, तो महिला पुलिस कर्मियों ने काबू पाने की कोशिश की और उसे खींचते हुए जनता दरबार से बाहर ले गईं. बाहर जाते-जाते भी महिला ने सीएम रावत से अभद्रता करते हुए उन्हें चोर तक कह दिया. महिला ने कहा कि सीएम रावत नेता हैं, कोई भगवान नहीं और प्रदेशवासियों को लूटकर खा रहे हैं. ये चोर मुख्यमंत्री हैं। जब फरियादी शिक्षिका द्वारा सीएम रावत के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया, तो वो भड़क गए और अपने पद की गरिमा के विपरीत महिला को भरे दरबार में सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. उन्होंने महिला शिक्षिका को हिरासत में लेने का भी आदेश दिया।

इसके बाद महिला को सुरक्षाकर्मी पकड़कर बाहर ले गए. वहीं, इस घटना के बाद शिक्षिका उत्तरा पंत को शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए. इस दौरान सीएम रावत के जनता दरबार में करीब 150 से ज्यादा लोग मौजूद थे।

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