×

community policing से इस तरह कानून व्यवस्था दुरूस्त करेगी UP पुलिस

अक्सर गांवों और शहरों में स्थानीय स्तर पर तमाम विवाद होते रहते हैं। यदि जिले के संभ्रान्त व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए तो इन विवादों का निपटारा आसानी से संभव है। यही कारण है कि यूपी पुलिस प्रदेश में कम्युनिटी पुलिसिंग को मजबूत

Anoop Ojha
Published on: 4 Jun 2018 2:40 PM GMT
community policing से इस तरह कानून व्यवस्था दुरूस्त करेगी UP पुलिस
X

लखनऊ: अक्सर गांवों और शहरों में स्थानीय स्तर पर तमाम विवाद होते रहते हैं। यदि जिले के संभ्रान्त व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए तो इन विवादों का निपटारा आसानी से संभव है। यही कारण है कि यूपी पुलिस प्रदेश में कम्युनिटी पुलिसिंग को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने इस बाबत पुलिस एडवाइजरी भी जारी की है।

पुलिस मित्र बनाए जाएंगे

ज्यादातर गांवों में जमीन से जुड़े विवाद या छोटे-मोटे झगडे होते है। टाउन एरिया, म्युनिस्पिलिटी और म्युनिस्पल कॅारपोरेशन के क्षेत्रों में यह झगड़े साम्प्रदायिक रूप ले लेते हैं। इसके निदान के लिए मोहल्ले/गांव के करीबन 10 सम्भ्रान्त व्यक्तियों के नाम सम्भ्रान्त पुलिस मित्र (एस-10) प्रोग्राम में दर्ज किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें .....डीजीपी ने कहा-शुरू होगी स्मार्ट पुलिसिंग, सीएस ने की विकास कामों की समीक्षा

ये झगड़ों को सुलझाने में करेंगे मदद

एस-10 प्रोग्राम के सदस्यों में गांवो के प्रधान और पूर्व प्रधान को उसका सदस्य बनाया जाएगा। ऐसे अन्य सम्भ्रान्त व्यक्ति भी जोड़े जाएंगे, जो इन झगडों को सुलझाने में पुलिस की मदद कर सकते हैं।

‘गांव का झगड़ा गांव में सुलझाए, कोर्ट-कचेहरी हम क्यों जाएं’

एडवाइजरी में कहा गया है कि इस कमेटी का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में ‘गांव का झगड़ा गांव में सुलझाए, कोर्ट-कचेहरी हम क्यों जाएं’ होना चाहिए और शहरी क्षेत्र के मोहल्लों में इसका उद्देश्य साम्प्रदायिक सौहार्द बढाना होना चाहिए।

यह भी पढ़ें .....जब अधिकारियों का नही उठता फ़ोन, तो सोशल मीडिया से क्या होगी पुलिसिंग

बनाए जाएंगे व्हाटसएप ग्रुप

बीट इंचार्ज माह में एक दिन ग्राम/मोहल्ले में जाकर एस-10 की मीटिंग करेगा। इनका वाट्सएप ग्रुप बनाकर सदस्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि गांव में किसी तरह का झगड़ा होने परउसकी सूचना तत्काल बीट इंचार्ज को दी जाए। इससे छोटे—छोट विवादों का हल संभव है।

पीस कमेटी की महीने में एक बार हो बैठक

शहरी क्षेत्रो में थाना स्तर पर पीस कमेटी पूर्व से ही प्रचलित है। सीओ त्यौहारों से पहले उनके साथ मीटिंग करते हैं। मोहल्ले स्तर पर यह मीटिंग नहीं होती है। महीने में एक बार मीटिंग करके छोटे-मोटे विवाद को निपटाया जाएगा। अच्छा काम करने वाले को सीओ प्रशंसा पत्र भी देंगे।

किसी घटना को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे एस—10 मेंबर

गोष्ठी में बीट इंचार्ज लडकियो से छेडछाड रोकने, साफ-सफाई रखने, यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। यदि ऐसी कोई घटना होती है तो पुलिस बल के पहुॅचने के पहले एस-10 के सदस्य स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें। बीट इंचार्ज यह सुनिश्चित करेंगे। एस-10 का कोई भी सदस्य यदि किसी अपराधी को पकड़वाने में सहायता प्रदान करता है तो उसके सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story