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Death Anniversary: फूलन देवी से जुड़ीं 25 बातें, नरसंहार और एक सीएम का रिजाइन
फूलन की मौत के बाद से उसे वोट पाने का जरिया बना दिया गया। अब हर साल 25 जुलाई को बड़े आयोजन होते हैं। नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन कोई उस समाज को नहीं बदलना चाहता जो एक बच्ची को फूलन बनाने में कोई कोताही नहीं बरतता।
लखनऊ : डकैत फूलन देवी की डेथ एनिवर्सरी है। वैसे तो चलन है कि इस मौके पर सिर्फ अच्छी बातें की जाती हैं। लेकिन हम समझ नहीं पा रहे कि कहां से शुरू करें। एक बच्ची के अन्याय के खिलाफ खड़े होने से, एक बालिका वधु से, एक ऐसी औरत से जिसका गैंगरेप रेप हुआ, या फिर एक खूंखार डाकू से जिसने 22 मर्दों को लाइन से खड़ा कर भून दिया। फूलन के बारे में लिखते समय बहुत कुछ घूम रहा है दिमाग में। ऐसे में हम आपको कुछ पॉइंट्स की हेल्प से उसकी पूरी कहानी सुना रहे हैं।
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- 10 अगस्त 1963 को यूपी में जालौन के घूरा का पुरवा में फूलन का जन्म हुआ था।
- फूलन ने दस साल की उम्र में अपने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। उसकी पहली भिडंत अपने धोखेबाज चाचा से हुई। जिसने उसके बाप के हिस्से की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया था।
- इसके बाद फूलन की शादी लगभग 50 साल के अधेड़ के साथ कर दी गई।
- ससुराल में फूलन बीमार रहने लगी तो मायके लौट आई। लेकिन भाई ने उसे कुछ समय बाद ससुराल भेज दिया। जब फूलन ससुराल पहुंची तो पता चला कि पति ने शादी कर ली है।
- फूलन ने पति का घर छोड़ दिया।
- फूलन जवान हो रही थी तो गांव में उसका साथ डाकुओं के गैंग से जुड़े कुछ लोगों से हो गया। कुछ समय बाद फूलन ने डाकू बाबू गुज्जर का गैंग ज्वाइन कर लिया।
- बाबू को फूलन भा गई। लेकिन गैंग के एक और सदस्य विक्रम मल्लाह को ये रास नहीं आया और उसने बाबू की हत्या कर दी और सरदार बन बैठा।
- फूलन अब विक्रम के साथ थी। इसके बाद फूलन ने सबसे पहले अपने पति से हिसाब बराबर करने की सोची और उसके गांव में जमकर पिटाई कर दी।
- कुछ दिन सब ठीक रहा। लेकिन इसके बाद विक्रम के गिरोह की भिड़ंत श्रीराम ठाकुर और लाला ठाकुर के गैंग से होने लगी।
- विक्रम मल्लाह इस गैंगवार में मारा गया। कहते हैं ठाकुरों के इस गिरोह ने बेहमई में 3 हफ्ते तक फूलन का रेप किया।
- 1981 में फूलन बेहमई गांव लौटी और उसने 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी।
- इस हत्याकांड के बाद पुलिस फूलन को सरगर्मी से तलाश करने लगी। सिर पर बड़ा इनाम रखा गया।
- इस हत्याकांड का असर ये रहा कि यूपी के तत्कालीन सीएम वीपी सिंह को अपना पद छोड़ना पड़ा।
- दो साल बाद फूलन ने मध्य प्रदेश के सीएम अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
- फूलन पर 22 हत्या, 30 डकैती और 18 अपहरण के मामले बने।
- फूलन 11 साल जेल में रही।
- इस दौरन यूपी में मुलायम सिंह सीएम बने और उनकी सरकार ने 1993 में फूलन पर लगे सारे मामले वापस लेने का फैसला किया।
- 1994 में फूलन जेल से बाहर आती है और उम्मेद सिंह से शादी करती है।
- 1996 में फूलन ने सपा के टिकट पर मिर्जापुर से चुनाव लड़ा और सांसद बनी।
- फूलन 1998 में चुनाव हार गई।
- 1999 में फूलन फिर मिर्जापुर से जीत गई।
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- 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा फूलन से मिलने आया। उसने घर के गेट पर फूलन को गोली मार दी।
- राणा ने बाद में कहा कि मैंने बेहमई हत्याकांड का बदला लिया है।
- 14 अगस्त 2014 को शेर सिंह राणा को आजीवन जेल की सजा सुनाई गई।
- फूलन की मौत के बाद से उसे वोट पाने का जरिया बना दिया गया। अब हर साल 25 जुलाई को बड़े आयोजन होते हैं। नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन कोई उस समाज को नहीं बदलना चाहता जो एक बच्ची को फूलन बनाने में कोई कोताही नहीं बरतता।
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