×

रत्नेश्वर मंदिर की मरम्मत के लिए आगे आए बेस्‍ट स्ट्रीट फोटोग्राफर

Admin
Published on: 13 March 2016 5:54 PM GMT
रत्नेश्वर मंदिर की मरम्मत के लिए आगे आए बेस्‍ट स्ट्रीट फोटोग्राफर
X

वाराणसी: दुनिया के बेहतरीन स्ट्रीट फोटोग्राफर्स में अपना नाम शुमार कराने वाले मनीष खत्री ने टूटे हुए मंदिर की जीर्णोद्धार की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से अपने विशेषज्ञ मित्रों के साथ मिलकर सरकार की मदद करने का प्रस्ताव भी रखा है।

मंदिर परिसर में बिखरा मलबा मंदिर परिसर में बिखरा मलबा

यह भी पढ़ें...

दूध का कर्ज उतारने के लिए बनवाया था मंदिर, अब यहां शूट हुुआ फोटो एल्बम

बज्रपात में क्षतिग्रस्त हुआ 400 वर्ष पुराना मंदिर

शनिवार रात लगभग एक बजे तेज बारिश के साथ हुए बज्रपात में मणिकर्णिका स्थित लगभग 400 वर्ष पुराना रत्नेश्वर महादेव मंदिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। आकाशीय बज्रपात इतनी तीव्रता से मंदिर शिखर से टकराया कि उसके शिलाखंड दूर-दूर तक छिटक कर जा गिरे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिजली की आवाज़ इतनी तीव्र थी कि लगा कान का पर्दा फट जाएगा। उस वक्त धरती में भी तेज कंपन हुई थी।

यह भी पढ़ें...

500 साल पुराने काशी के रहस्यमय मंदिर पर गिरी बिजली, टूटा शिखर

mahadev-3

मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं

इस मंदिर के निर्माण बारे में भिन्न-भिन्न कथाएं कहीं जाती हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस समय रानी अहिल्या बाई होलकर शहर में मंदिर और कुंडों आदि का निर्माण करा रहीं थी उसी समय रानी की दासी रत्नाबाई ने भी मणिकर्णिका कुंड के समीप एक शिव मंदिर का निर्माण कराने की इच्छा जताई। इसके लिए उसने अहिल्या बाई से रुपए भी उधार लिए और इसे बनवाया।

mahadev-8

अहिल्या बाई के श्राप की वजह से डूबा रहता है मंदिर

अहिल्या बाई इसे देख अत्यंत प्रसन्न हुईं लेकिन उन्होंने दासी रत्ना बाई से कहा कि वो अपना नाम इस मंदिर में न दे। लेकिन दासी ने बाद में अपने नाम पर ही इस मंदिर का नाम रत्नेश्वर महादेव रख दिया। इस पर अहिल्या बाई नाराज़ हो गईं और श्राप दिया कि इस मंदिर में बहुत कम ही दर्शन पूजन किया जा सकेगा। वर्ष में ज्यादातर समय यह मंदिर डूबा रहता है।

यह भी पढ़ें ...

पीएम मोदी की काशी में है 100 साल पुराना पाकिस्तानी महादेव मंदिर !

mahadesv-5

फोटोग्राफर मनीष खत्री की अपील

फोटोग्राफर मनीष खत्री ने प्रशासन से अपील करते हुए इस क्षेत्र में बिखरे शिलाखंडों को अपने कब्जे में लेने और पुरातत्व विभाग की ओर से इसका जीर्णोद्धार करवाने की बात कही। उन्होंने कहा यदि प्रशासन मुझे अनुमति दे तो मैं अपने विशेषज्ञों के साथ मिल इस जीर्णोद्धार में मदद करना चाहता हूं।

Admin

Admin

Next Story