नोटबंदी से आगरा के पर्यटन को तगड़ा झटका, बिल चुकाने को परेशान घूम रहे पर्यटक

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Published on: 24 Nov 2016 5:18 AM GMT
नोटबंदी से आगरा के पर्यटन को तगड़ा झटका, बिल चुकाने को परेशान घूम रहे पर्यटक
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आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लिए गए नोटबंदी के फैसले का पर्यटन पर भारी असर पड़ता दिखाई पड़ रहा है। नोटबंदी की वजह से पर्यटक अपने आपको असहाय सा महसूस कर रहे है क्योंकि नोटबंदी से ताजनगरी में मनी एक्सचेंज का काम बिलकुल ठप हो गया है। वहीं सरकार द्वारा बैंक से पैसा निकालने की निश्चित सीमा तय होने से मनी एक्सचेंजर विदेशी करेंसी के बदले भारतीय मुद्रा बाहर से आए पर्यटकों को नहीं दे पा रहे हैं। इससे जहां पर्यटन को तगड़ा झटका लगा है, तो वही पर्यटकों को भी भटकना पड़ रहा है।

ताजनगरी में प्रतिवर्ष ताज देखने के लिए 65 लाख भारतीय और छह लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। वे यहां मनी एक्सचेंजर के माध्यम से डॉलर, पौंड, यूरो समेत अन्य विदेशी करेंसी एक्सचेंज कराते हैं। शहर में 150 के करीब अधिकृत और अनाधिकृत एक्सचेंजर ये काम करते हैं। इसके साथ ही होटल, हैंडीक्राफ्ट स्टोर आदि में विदेशी करेंसी में भुगतान लिया जाता है। इसे मनी एक्सचेंजर से बदलवा लिया जाता था, मगर नोटबंदी के बाद से यह काम ठप पड़ा है। घंटों लाइन में लगने के बाद बैंक से केवल 2000 रुपए के 500 व 1000 रुपए के नोट ही बदले जा रहे हैं। वहीं, एक सप्ताह में बैंक से निकासी की सीमा भी तय कर दी है। इससे मनी एक्सचेंजर के पास छोटे नोट नहीं पहुंच रहे।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या कहना है मनी एक्सचेंजर का

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मनी एक्सचेंजर अनूप गोयल कहते हैं कि विदेशी करेंसी के एक्सचेंज का काम नोटबंदी के बाद से बंद है। 15 दिन से पर्यटकों को भटकना पड़ रहा है। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही।

बैंक भी नहीं कर रहीं एक्सचेंज: विदेशी पर्यटकों के लिए शिल्पग्राम व आगरा किला पर बैंकों ने काउंटर खोल रखे हैं। यह गुरुवार तक काम करेंगे, मगर इनमें केवल 500 व 1000 रुपए के नोटों को एक्सचेंज कर 100 रुपए के नोट दिए जा रहे हैं। इन काउंटर्स पर विदेशी करेंसी नहीं बदली जा रही है।

क्या कहना है टूरिज्म संस्थानों का: टूरिज्म गिल्ड के सचिव राजीव सक्सेना बताते हैं कि जब एक प्राइवेट बैंक में विदेशी पर्यटक नोट एक्सचेंज करने गए, तो उन्हें मना कर दिया गया। ऐसे में पर्यटक जाएं, तो कहां जाएं। वह यहां भविष्य में नहीं आने की बात कर रहे हैं। वहीं होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसियेशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया की पर्यटक पहले होटलों में भी विदेशी करेंसी को एक्सचेंज करा लेते थे, मगर नोटबंदी के बाद से खुले पैसों के अभाव में होटलों में भी यह काम बंद पड़ा है।

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