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UP 100: ये है पुलिस का इमरजेंसी मैनेजमेंट सिस्टम, 10 मिनट में क्राइम सीन पर पहुंचेगी मदद
यूपी में पहली बार पुलिस अब एक फोन कॉल करते ही 10 मिनट में क्राइम स्पॉट पर पहुंचकर विक्टिम को मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। आगामी 19 नवंबर को सीएम अखिलेश यादव यूपी पुलिस की इस प्रभावशाली हाईटेक परियोजना का उदघाटन करेंगे।
लखनऊ: यूपी में पहली बार पुलिस अब एक फोन कॉल करते ही 10 मिनट में क्राइम स्पॉट पर पहुंचकर विक्टिम को मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। आगामी 19 नवंबर को सीएम अखिलेश यादव यूपी पुलिस की इस प्रभावशाली हाईटेक परियोजना का उदघाटन करेंगे। यूपी 100 नाम से शुरू की गई इस परियोजना का खाका 5 दिसंबर 2014 से बुना जा रहा था, जिसकी मदद से एंबुलेंस की तर्ज पर जरूरतमंद के पास पुलिस की मदद पहुंचाई जा सके। यह सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्टस में से एक है।
4,800 वाहन 24 x 7 करेंगे हेल्प
-एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह 108 नंबर डायल करने पर एंबुलेंस आपके पास पहुंचती है, उसी कांसेप्ट पर इस परियोजना को डिजाइन किया गया है।
-यूपी में किसी भी जगह से कॉल मिलाने पर विक्टिम की कॉल लखनऊ स्थित मेगा कंट्रोल रूम पहुंचेगी।
-एक दिन में कम्यूनिकेशन ऑफिसर्स 2 लाख कॉल्स को टेक अप कर सकेंगे।
-यहां बैठे कम्यूनिकेशन ऑफिसर्स विक्टिम की कॉल उठाएंगे और समस्या और घटना वाली जगह लोकेट करेंगे।
-इसके बाद इस मैसेज को चंद सेकेंडों के अंदर विक्टिम की लोकेशन से सबसे नजदीक मौजूद यूपी 100 केे दस्ते को डिलीवर किया जाएगा।
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-यह दस्ता एक जीपीएस प्रणाली वाले चार पहिया या दो पहिया वाहन पर मौजूद होगा
-या वाहन मैसेज मिलते ही क्राइम सीन की ओर मूव करेगा।
-शहरों में इसका रिस्पांस टाइम 10 मिनट और रूरल एरियाज में 20 मिनट होगा।
-इस ऑनलाइन हाईटेक सिस्टम के फर्स्ट फेज में 4,800 के करीब जीपीएस युक्त वाहनों को लगाया गया है।
-इसमें 3,204 फोर व्हीलर और 1,600 दोपहिया वाहन होंगे, जो 24 घंटे पब्लिक की सेवा में मौजूद रहेंगे।
अगली स्लाइड में जानिए क्राइम सीन पर पहुंचकर कैसे डील करेगा स्पेशल स्क्वाड
क्राइम सीन पर पहुंचकर ऐसे डील करेगा स्पेशल स्क्वाड
-एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने बताया कि यूपी 100 के किसी भी दस्ते को कंपलेन मिलने पर तुरंत कम से कम समय में क्राइम सीन पर पहुंचना होगा।
-यह स्पेशल स्क्वाड को अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी।
-इसके पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर कंट्रोल रूम को सिचुएशन के बारे में जानकारी देंगे
-क्राइम सीन को सेफ करेंगे, जिससे सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ न हो पाए।
-इसके बाद की कार्यवाही की जाएगी।
-हालात गंभीर होने पर थाने से फोर्स तुरंत मौके पर मंगा ली जाएगी।
-इस बीच कंट्रोल रूम से कम्यूनिकेशन ऑफिसर्स कॉल करने वाले व्यक्ति के लगातार संपर्क में रहेंगे।
-इतना ही नहीं, रिस्पांस टाइम से लेकर पुलिसकर्मियों के व्यवहार और शिकायत निस्तारण का फीडबैक भी कॉलर से लिया जाएगा।
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इस तरह से कर सकते हैं संपर्क
-एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने बताया कि यूपी के किसी भी कोने से लोग मोबाइल से कॉल, एसएमएस, ईमेल या सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे।
-इस कंप्लेन को तुरंत ट्रेस किया जाएगा
-लगातार इस पर फॉलो अप लिया जाएगा।
-आगे चलकर इस परियोजना से पब्लिक सेफटी की बेसिक सर्विसेज को भी इंटीग्रेड किए जाने का काम होगा।
-इसमें फायर सर्विसेज, हाईवे पुलिसिंग, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम, स्मार्ट सिटी सर्विलांस, वूमेन पॉवर लाइन समेत कई योजनाओं को शामिल किया जाएगा।
परियोजना का लोगो और एप लॉन्च कर चुके हैं सीएम
-एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल ने बताया कि यूपी 100 परियोजना का एप और लोगो सीएम अखिलेश बीते अक्टूबर माह में लॉन्च कर चुके हैं।
-इसे प्लेस्टोर से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है।
-इस एप को डाउनलोड करते समय यूजर का नाम, पता और अन्य डिटेल्स लिए जाते हैं।
-ये डिटेल्स पुलिस के डाटा बेस में सेव हो जाते हैं।
-ये सारा डेटा एप से यूपी 100 कंट्रोल रूम संपर्क करने पर काफी काम आता है।
-एडीजी ने बताया कि यूएस में करीब 30 करोड़ लोगों के लिए ऐसे 6,000 सेंटर्स हैं।
-हमें इससे भी शक्तिशाली नेटवर्क बनाना है।
-ये सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
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