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इस अनोखी शवयात्रा को देख नहीं कर पाएंगे काबू, निकल आएंगे आपके भी आंसू

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Published on: 21 Sep 2016 7:25 AM GMT
इस अनोखी शवयात्रा को देख नहीं कर पाएंगे काबू, निकल आएंगे आपके भी आंसू
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उज्जैन: वह न तो कोई बड़ा व्यापारी था और न ही कोई बड़ा पैसे वाला इंसान। लेकिन उसकी शवयात्रा जिस गली से निकली, हर किसी की आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली। लोग चाहकर भी अपने गम को छुपा नहीं पा रहे थे। इंसान ही नहीं उसकी शवयात्रा में पूरे इलाके के जानवर भी शामिल हुए। यह अनोखी और दिल को गमजदा कर देने वाली शवयात्रा किसी और की नहीं बल्कि एक ‘कालू’ नाम के कुत्ते की थी। मध्य प्रदेश में जानवरों और इंसानों की दोस्ती की मिसाल बनी इस शवयात्रा को देखने के लिए भारी संख्या में लोग शामिल हुए।

आगे की स्लाइड में जानिए कैसे ले जाया गया ‘कालू’ का शव

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‘कालू’ की डेड बॉडी को ले जाने के लिए ख़ास इंतजाम किए गए। इसके लिए एक जीप को फूलों से सजाया गया और फिर इसमें एक कपडा बिछाया गया। ‘कालू’ की डेड बॉडी को जीप में रखने के बाद उसे कफन ओढ़ाया गया। इसके बाद फिर एक-एक करके सबने उस पर फूल-मालाएं चढ़ाई और ‘कालू’ की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस मौके पर बैंड-बाजा भी बजवाया गया।

आगे की स्लाइड में देखिए क्या है इस अनोखी दोस्ती का कारण

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मध्य प्रदेश के उज्जैन के एक गांव में जब ‘कालू’ नाम के कुत्ते ने हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद की, तो उस नामदार इलाके के तमाम लोगों की पलकें भीग गई। पूरा का पूरा नामदार इलाका ग़मगीन है। ख़बरों के अनुसार ‘कालू’ नाम का यह कुत्ता लम्बे समय से इस इलाके की रखवाली कर रहा था। इस इलाके के सभी लोग ‘कालू’ को फैमिली मेम्बर से कम नहीं मानते थे।

आगे की स्लाइड में देखिए कौन-कौन शामिल हुआ ‘कालू’ की शवयात्रा में

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बता दें कि ‘कालू’ की शवयात्रा में शामिल होने के लिए न केवल इलाके के लोग आए, बल्कि वहां के आस-पास के इलाके के कुत्ते भी आए। जब ‘कालू’ की डेड बॉडी के लिए अर्थी तैयार की जा रही थी, तब बाकी कुत्ते उसकी डेड बॉडी के आप-पास चक्कर लगा रहे थे। मानों वह ‘कालू’ को उठाने की कोशिश कर रहे हों।

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