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रेड कार्पेट तो छोड़िए....बाबा दरबार में भक्तों के साथ हो रही है बदसलूकी
वाराणसी : सावन की शुरुआत के साथ ही काशी में आस्था का रंग चढ़ने लगा है। हर ओर हर-हर महादेव की गूंज सुनाई पड़ रही है। भोले की भक्ती में कावंड़िये डूबे हुए हैं। इस बीच बाबा विश्वनाथ के दरबार में माथा टेकने के लिए शुक्रवार की रात से ही भक्तों का रेला उमड़ा है। लेकिन बाबा के दर्शन की चाहत, भक्तों को अपने साथ होने वाली बदसलूकी से चुकाना पड़ रहा है। सावन के पहले ही दिन काशी विश्वनाथ परिसर में महिला भक्तों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें सामने आई।
पहले ही दिन फेल हुए दावे
सावन में भक्तों और कांवड़ियों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन ने रेड कार्पेट बिछाने का दावा किया था। बाबा दरबार में भक्तों को किसी तरह की असुविधा ना हो, इसके खास ध्यान रखने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन सावन के पहले ही दिन ये सभी दावें औंधे-मुंह गिर गए। शनिवार को तड़के चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर में दर्शन का सिलसिला शुरु हुआ। हालांकि मंदिर परिसर में रात से ही भक्तों की लाइन लग गई थी।
बताया जा रहा है कि छ्त्ताद्वार पर भक्तों की लाइन से अलग खड़ी कुछ महिलाओं सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया। यहां तक तो ठीक है लेकिन कुछ ही मिनटों में वहां मौजूद एककमांडों ने पुरुष पुलिसकर्मियों की सहायता से जबरदस्ती महिलाओं को ढकेलना शुरु कर दिया। उनके साथ जमकर बदसलूकी की। सुरक्षाकर्मी के इस व्यवहार पर वहां मौजूद भक्तों ने आपत्ति भी जाहिर की।
मुख्य अर्चक के साथ मारपीट
इसके पहले मंदिर के शनिदेव चैनल पॉइंट पर काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान अर्चक श्रीकांत महाराज के साथ भी पीएसी के जवान ने दुर्व्यवहार किया। शनिदेव चैनल के पास तैनात पीएसी के एक जवान ने पहले तो प्रधान अर्चक श्रीकांत महराज को मंदिर में भीतर जाने से मना किया।
प्रधान अर्चक श्रीकांत तिवारी ने जब अपना परिचय देते हुए परिचय पत्र दिखाया तो आक्रोशित पीएसी के जवान ने उनकी एक ना सुनी और दुर्व्यहवहार करता रहा। बाद में मंदिर प्रशासन के लोगों के पहुँचने के बाद श्रीकांत महराज को मंदिर में प्रवेश मिला। घटना को संज्ञान में लेते हुए एसपी ज्ञानवापी ने आरोपी जवान को प्वांइट से हटा दिया है।