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किन्नर अखाड़े को उज्जैन ने दी दिल में जगह, लक्ष्मी नारायण बनेंगे आचार्य
उज्जैन : उज्जैन नगरी के लोगों का मानना है कि अगर आप सिंघस्थ महाकुम्भ में आए हैं और किन्नर अखाड़ा नहीं गए तो आपको कुम्भ का पुण्य नहीं मिल पाएगा। इस साल लगे सिंहस्थ महाकुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण है किन्नर अखाड़ा।
देशभर के किन्नरों ने पिछले 6 महीनों में अपना एक अलग अखाड़ा खड़ा कर लिया है, हालांकि इसे मान्यता नही मिली है। इसके बावजूद यहाँ के लोगों ने इस अखाड़े को सहर्ष स्वीकार किया है। लोग यहाँ भारी संख्या में आते हैं और घंटों कतार में लगकर आशीर्वाद लेते हैं।
किन्नरों के घर वापसी का जरिया
किन्नर अखाड़े के संरक्षक ऋषि अजय दास ने बताया कि किन्नर अखाड़े का बनना कोई व्यक्तिगत लड़ाई नही है और न ही हम खुद को किसी के बराबर खड़ा करना चाहते हैं। ये तो रास्ता किन्नरों को वापस घर बुलाने के लिए है। अखाड़े के जरिये हम किन्नरों को हिन्दू धर्म से वापस जोड़ सकते है, जो किसी कारण किसी दूसरे धर्म से जुड़ गए हैं ।
भक्तों की लंबी कतार
वो कहते हैं न कोई किन्नर सच्चे दिल से दुआ दे दे तो वो दुआ क़ुबूल हो जाती है। बस ऐसी ही कुछ मान्यताओं ने सबसे ज्यादा भीड़ किन्नर अखाड़े के पंडाल में इकट्ठा की। इतनी भारी भीड़ होने के बाद भी श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं । चढ़ावे में दिए गए रुपए के बदले मिलने वाला बरकती सिक्का महिलाएं बड़े ही आदर भाव से अपने पल्लू में बांधकर घर में सुख-शांति की कामना के साथ ले जाती हैं।
लक्ष्मी नारायण बनेंगे आचार्य
2 मई को आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर मुंबई की लक्ष्मी नारायण को बिठाया जाएगा। आचार्य महामंडलेश्वर बनने के बाद उनका नाम लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी होगा। ग्लैमर की दुनिया से अखाड़े और धर्म संस्कृति के आचार्य महामंडलेश्वर होने जा रहे किन्नर लक्ष्मी नारायण ने कहा कि ‘हम लोग किसी के घर शुभ कार्य होने पर जब नाचने-गाने जाते हैं तो धर्म और संस्कृति के अनुरूप सभी कार्य करते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग हमें उपेक्षित नजरों से देखेते हैं, फिर भी हमारे दिल से लोगों के लिए दुआ ही निकलती है।’