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बैल की मौत से किसान को लगा सदमा: रामायण का पाठ कर मनाई तेरहवीं, हजारों को कराया भोज

यूपी के संभल जिले में एक किसान ने अनोखा काम किया जिसे सुनकर आप भी हैरानी में पड़ जाएंगे। आज के जमाने में जहां एक तरफ पशु तस्कर बैलो को चुराने, काटने का काम करते हैं तो दूसरी तरफ एक किसान ने दुनिया में नई मिशाल पेश की है। किसान ने अपने बैल की मौत के बाद सोमवार को रामायण का आयोजन कराया और बैल की तेरहवीं कर करीब एक हजार लोगों को भोज करवाया।

tiwarishalini
Published on: 26 Sep 2016 5:25 PM GMT
बैल की मौत से किसान को लगा सदमा: रामायण का पाठ कर मनाई तेरहवीं, हजारों को कराया भोज
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farmer-pappu-sambhal बैल (बाएं) की मौत के बाद किसान पप्पू (इनसेट में) और उसके परिजन पूजा-पाठ करते हुए (दाएं)

संभल: यूपी में जहां रोजाना सैंकड़ों-हजारों गायों को बेरहमी से काटकर मौत के घाट उतार दिया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ यूपी के संभल जिले के रहने वाले एक किसान ने दुनिया में नई मिसाल पेश की है। किसान ने अपने बैल की मौत के बाद पहले उसका अंतिम संस्कार किया। इसके बाद सोमवार को रामायण पाठ का आयोजन कराया और फिर बैल की तेरहवीं कर करीब एक हजार लोगों को भोज करवाया।

बेटे की तरह किया प्यार

दरअसल यह मिसाल संभल जिले के तहसील गुन्नौर सिकरौरा भूड़ के किसान पप्पू यादव ने कायम की है।किसान पप्पू ने अपने बैल को कभी जानवर नहीं समझा बल्कि उसे हमेशा अपने बेटे की तरह प्यार किया। कुछ महीने से उसके बैल की तबियत काफी खराब चल रही थी। पप्पू ने अपने बैल का काफी इलाज कराया लेकिन अचानक 12 दिन पहले उसके बैल की मौत हो गई।

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बैल की तेरहवीं कर हजारों लोगों को करवाया भोज

बैल की मौत के बाद किसान पप्पू काफी दुखी हो गया। पप्पू ने काफी इंतजाम के बाद अपने बैल का अंतिम संस्कार किया। यही नहीं किसान पप्पू ने बैल की मौत पर शोक-संदेश कार्ड भी छपवाए और लोगों को रामायण पाठ में पहुंचने की विनम्र अपील की। जिसपर सोमवार को पप्पू ने बैल की तेरहवीं का आयोजन कर हजारों लोगों को भोज करवाया।

बैल ने गरीबी में नसीब करवाई दो वक्त की रोटी

किसान पप्पू यादव का कहना है की उनके बैल ने उनकी गरीबी में काफी साथ दिया। उन्होंने कहा की उनके बैल की मेहनत की वजह से ही उन्हें दो वक्त की रोटी नसीब हुई। किसान पप्पू कहते हैं कि उनका बैल लगातार 10 घंटे उनके साथ काम करता था। उनके परिवार का पालन पोषण सिर्फ बैल के सहारे ही होता रहा है।

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