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फादर्स डे स्पेशल: जिम्मेदारी का अहसास दिलाते, हमारा वजूद हमारे पापा
सुमन मिश्रा
लखनऊ:जिनकी उंगली पकड़ चलना सीखा। हर बात पर जिनसे डरना सीखा। जिनके आने से डर और प्यार दोनों का होता था एहसास। वो कोई और नहीं आप थे पापा। आज भी याद है, वो दिन जब चलने पर पैर लड़खड़ाते थे तो आप कैसे दोनों पैरों पर संभलकर चलना सिखाते थे। पहली बार स्लेट पेंसिल हाथ में थमाया और जगाया जिम्मेदारी की एहसास। कुछ कर गुजरने का सपना दिखाया। अपने पैरों पर खड़ा होना बताया। जब भी मम्मी से पड़ती थी डांट, आपके पीछे छिपकर खुद को बचाया।
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मां ने जीवन देकर सृष्टि में लाया तो पिता ने हमारे अस्तित्व को बनाया। हम कितना ही आत्मनिर्भर क्यों ना हो जाएं। पर हमारे सपनों को उड़ान देने वाला जो इंसान है, वो हमारे पापा होते हैं। पिता का हर बच्चे के जीवन में खास स्थान होता है, पर वो स्थान हम मां के प्यार के सामने गौण हो जाता है। यह सच नहीं है।
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हर बच्चे के लिए उसके पापा सुपर हीरो की तरह होते हैं। पिता, जो कभी प्यार देते हैं तो कभी टीचर बनकर गलतियां बताते हैं तो कभी दोस्त बनकर कहते हैं कि 'मैं तुम्हारे साथ हूं।' अगर मां परिवार की धुरी होती है तो पिता एक ऐसा आवरण जिसके पहलू में रहकर हम अपने जीवन को एक दिशा देने की कोशिश करते हैं।
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जीवन की दिशा और समाज की दशा के बीच संतुलन बनाये रखने में मदद करने वाले पिता के लिए एक खास दिन मनाना, हमारे जीवन में दिये गये उनके योगदान के समतुल्य तो नहीं, पर बदलते जमाने की संस्कृति ने हमें 'फादर्स डे' के रूप में वो मौका जरूर दिया है, जब हम उनके प्यार, मदद और अपनेपन को महसूस कर उनसे ये तो कह सकें कि 'आज मैं जो भी हूं या आगे जो भी बनूंगा, वो आपके बिना संभव नहीं था।' कुछ लोगों के लिए उनके पापा हीरो हैं अपने पापा को लेकर उनके क्या जज्बात हैं जानते हैं...
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मुंबई से मीनू कहती है कि उनके पापा वो इंसान है, जिससे वो बिना किसी कारण के प्यार करती है। उनके पापा उनके पहले लव साइट है। जो उनकी केयर बिना किसी स्वार्थ के करते हैं। आज जो भी उनका वजूद है उसमें उनका पापा की शख्सियत का बहुत योगदान है।
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झारखंड धनबाद से अनु अग्रवाल कहती हैं कि वो अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं। तब और प्राउड फील करती थी, जब स्कूल में उनके दोस्त पापा को उनका भाई तक कह देते थे। उनके पापा बहुत फिट रहते हैं। उन्हें बागवानी का बहुत शौक है और पापा की वजह से ही उन्हें भी नेचर प्यार है। अनु अपनी विदाई को याद करते हुए कहती हैं कि विदाई से पहले पापा का सख्त दिल ज्यादा देखने को मिला था,पर उनकी विदाई पर सबसे ज्यादा रोने वाले भी उनके पापा ही थे। वो अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं।
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रांची से बलजीत कौर कहती हैं कि पापा ने ही उन्हें मजबूत बनाया है। स्कूटी, बाइक चलाना भी पापा ने ही सिखाया। उनकी गैर हाजिरी में किसी से नहीं डरना है। गलत को गलत कहना ये पापा ने ही सिखाया। जीवन के हर उतार-चढ़ाव में बस पापा ही थे। जो हंसना सिखाते थे। बलजीत अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं। उनकी तरह ही अपने जीवनसाथी को देखती हैं।
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रामगढ़ से रितू सिंह का कहना है कि उनके पापा बहुत अच्छे थे। आज वो इस दुनिय़ा में नहीं हैं पर उनकी यादें उनके साथ गुजरा वक्त सब याद है। रितु का खुद बिजनेस है और ये सफलता भी उनके पापा की ही देन है। पापा की वजह से ही वह इतनी मजबूत हैं और खुद डिसीजन लेने में सक्षम भी।
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शिलांग से अर्चना पापा को लेकर अपनी फीलिंग्स शेयर करते हुए इस तरह अपने जज्बात बयान कर रही हैं ... जब भी कोई मुश्किल वक्त है आता, तब आप बहुत याद आते हो पापा , भले ही लगते हो सख्त, पर अपने बच्चों को हमेशा देते वक्त, बुरी संगत में न जाने देते, हमेशा अच्छी राह दिखाते, जब भी वह बाजार जाते, बच्चों के लिए जरूर कुछ न कुछ लाते, हर बच्चे को अपने पापा पर गर्व है, खुशनसीब हैं वो लोग, जिनके पापा हैं।
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पटना से अनवेषा रंजन कहती है कि वो अपनी मम्मी से ज्यादा पापा के क्लोज है। उनके पापा वर्ल्ड के बेस्ट पापा है। वो फादर्स डे को बहुत अच्छे से सेलिब्रेट करती है। इसमें खुद उनके पापा बी शामिल होते है। वो अपने पापा के साथ इस दिन बहुत मस्ती करती है। इस दिन वो अपने भाई के साथ मिलकर पापा को सरप्राइज देती है।
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बिहार के बक्सर की संध्या सिंह कहती है कि उनके पापा उनके लिए जादूगर से कम नहीं है। हर मुश्किल का समाधान रहता है पापा के पास। चाहे वो जितनी भी दूर रहे पर पापा हर समस्या का हल निकला देते है। उनके पापा उनके लिए जादूगर है।
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झारखंड रांची से पुष्पिता पांडे कहती है कि उनकी पापा उनके लिए सुपरहीरो की तरह है। बचपन से लेकर बड़े होने तक हर फैसला उनके लिए पापा ने ही लिया और हर तरह से वह फैसला सही रहा है। चाहे कोई भी परेशानी हो पापा का हाथ हर वक्त सर पर रहता है। कभी अमिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी धरती तो कभी आसमान है पिता।