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यहां भालू और इंसान का ऐसा रिश्ता, गांव वाले रख रहे इसके शावकों का ध्यान

मादा भालू ने खारसुरा गांव के पास खेतों में अपने 2 शावकों को जन्म दिया। ग्रामीणों ने जन्मे भावकों की जानकारी वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे स्टाफ ने पशुओं के डॉक्टर और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स से बात की।

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Published on: 29 Dec 2020 10:38 AM GMT
यहां भालू और इंसान का ऐसा रिश्ता, गांव वाले रख रहे इसके शावकों का ध्यान
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यहां भालू और इंसान का ऐसा रिश्ता, गांव वाले रख रहे इसके शावकों का ध्यान

यूं तो प्रकृति और इंसान के अनोखे रिश्ते के बारे में कहानियां तो आपने तो बहुत सुनी होगी, लेकिन इंसान और प्रकृति की यह अनोखी दोस्ती छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिली है। जी हां, हाल ही में छत्तीसगढ़ के एक गांव से इंसान और जानवर की प्यारी दोस्ती देखने को मिली है, जहां गांव में कुछ ग्रामीणों ने भालू के शावकों का बड़े अच्छे से ध्यान रखा है। इतना ही नहीं, उन्हें बालु के शावकों को दूध भी पिलाया। उनका यह अनोखा रिश्ता सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही बटोर रहा है।

गांव के पास मादा भालू ने 2 शावकों को दिया जन्म

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना छत्तीसगढ़ के जिला अंबिकापुर के खारसुरा गांव की है, जहां मादा भालू अपने शावकों को छोड़ कर जंगल में चली जाती है और देर शाम लौटती है। इस बीच गांव वाले उसके शावकों का ध्यान रखते हैं। मादा भालू ने खारसुरा गांव के पास खेतों में अपने 2 शावकों को जन्म दिया। ग्रामीणों ने जन्मे भावकों की जानकारी वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे स्टाफ ने पशुओं के डॉक्टर और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स से बात की।

मादा भालू को गांव का इलाका लगा सुरक्षित- ग्रामीण

स्थानीय लोगों ने बताया कि मादा भालू को गांव के आस-पास का इलाका जन्म देने के लिए ज्यादा सुरक्षित लगा। ये मां भालू सूर्योदय से पहले अपने दो बच्चों को छोड़कर देर शाम लौटती है, वो भी एक तय समय पर, ये सवाल सबके मन में उठ रहा है।

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वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट ने दी जानकारी

वहीं वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट प्रभात ने बताया, ‘भालू को जरूर ये लगा होगा कि ये जगह उसके शावकों के लिए सुरक्षित है। अगर ऐसा नहीं होता तो मां भालू उन्हें जंगल में ले जाती। हो सकता है कुछ हफ्तों बाद जब शावक थोड़े बड़े हो जाये तो ये सब जंगल लौट जाए।’

डॉक्टर ने दी शावकों को दूध पिलाने की सलाह

फिलहाल, डॉ. सी.के.मिश्रा ने दोनों शावकों की जांच की। उन्होंने बताया कि दोनों शावक स्वस्थ है। डॉ. मिश्रा ने शावकों को 2 बार दूध पिलाने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शावकों के पास भीड़ न लगाएं। वन अधिराकारियों ने एक शख्स को बच्चों को 2 बार दूध पिलाने का काम दिया गया है। मादा भालू के लिए भी खाने की व्यवस्था कर दी है।

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