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यहां हिन्दू मनाते हैं ईद का जश्न, होली में मुस्लिम उड़ाते हैं गुलाल
बागपत : यूपी के एक हिस्से से जहां सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की खबरें आती हैं, तो दूसरी तरफ पलायन की बातें और उन पर राजनीति करने वालों के बयान इस फिजा में जहर घोलने का काम करते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी मंजर देखने को मिलता है जो हमें गंगा-जमुनी तहजीब की याद दिलाता है। ईद के मौके पर ऐसी ही खबर आई है बागपत से।
यहां की मिट्टी में कौमी एकता की खुशबू है तो दिल में एक-दूसरे धर्म के लिये बेइंतिहा प्यार। होली, दीपावली और राम बारात की खुशियां मनाने में मुसलमान आगे रहते हैं तो ईद के आयोजन में हिंदू।
हिंदू-मुस्लिम में एकता
ईद आते ही लोग खुशियों में डूब गए हैं। हिंदू-मुस्लिम आबादी वाले इलाके हों या बाजार। हर ओर फिजा में ईद का रंग घुला है। चांद का दीदार होने से पहले ही मुस्लिम अपने हिंदू दोस्तों को सेवइयों की दावत देना शुरू कर देते हैं। ठीक वैसे ही जैसे हिंदू होली पर मुस्लिमों को गुझिया की दावत देते हैं। कैंप लगाते हैं। इस बार भी एक दर्जन से अधिक हिंदुओं ने बरनावा और बड़ौत की ईदगाहों पर कैंप लगाए हैं।
लोगों ने क्या क्या बताया?
बड़ौत और बरनावा गांव में जाति-धर्म जैसी कोई बात ही नहीं है। बरनावा के पूर्व प्रधान धनपाल गुर्जर, समाजसेवी ब्रह्मनंद जाटव और विशाल जैन आदि ने बताया कि उन्होंने ईद मनाने की पूरी तैयारी कर ली है। यहां के लोगों ने बताया, यहां कभी दंगा नहीं हुआ। कभी कोई बात हुई भी तो एक-दूसरे की रक्षा की।
कल्लू मलिक ने बताया कि रमजान माह के दौरान सहरी के दौरान उनके मित्र शिक्षक राकेश शर्मा उन्हें जगाने आते थे। प्रेम की यह अनूठी परंपरा सालों से चली आ रही है। पहले पूर्वज इस परंपरा को निभाते थे और अब अगली पीढ़ी फर्ज अदा कर रही है।