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जाति-धर्म की तोड़कर दीवार, मुसलमानों ने किया हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार
मुंबई: आज एक तरफ जहां देश भर में जगह-जगह साम्प्रदायिक दंगे चल रहे हैं और लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सियासी जंग लड़ रहे हैं, वहीं मुंबई के कुछ लोगों ने जाति-धर्म की इस दीवार को तोड़कर एकता की नई मिसाल कायम की है। इन्होंने न केवल बंधुत्व को बढाने का काम किया है। बल्कि देश भर के लोगों को एकजुट होने का संदेश भी दिया है।
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एकता की इस नई मिसाल को पेश किया है, मुंबई के मुम्ब्रा के कुछ मुस्लिम युवाओं ने हुआ यूं कि थाणे के पास के कौसा नाम के इलाके में 65 साल के वमन कदम की मौत हो गई। उनके घर में उनकी वाइफ के अलावा कोई और नहीं था। वमन की बूढ़ी पत्नी ने वमन के अंतिम संस्कार काफी देर तक रिश्तेदारों का इंतजार करती रही। लेकिन फिर भी जब कोई नहीं आया, तो पड़ोस के कुछ मुस्लिम युवकों ने वमन के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की। इन युवकों ने वमन के अंतिम संस्कार के लिए जरुरी कपड़े, रस्सी, मटका, अगरबत्तियां, फूस और बांस वगैरह का इंतजाम किया। बाद में ये लोग वमन के शव को शमशान घाट पर ले गए, जहां उसे अग्नि देकर उसका दाह-संस्कार किया।
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मुस्लिम होकर भी हिंदू का रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार करने वाले इन युवकों का नाम नवाज दबीर, राहील दबीर, मोहम्मद कसम शेख, फ़रोख खान, खलील पवने, फहद दबीर और मक़सूद खान है। बताया जा रहा है कि जैसे ही इन युवकों के काम की जानकारी मुम्ब्रा कालवा के विधायक जितेंद्र ने फेसबुक पर पोस्ट करके उन्हें सैल्यूट किया। इतना ही नहीं मुम्ब्रा के सभी लोगों ने एकता फैलाने वाले इन युवकों की जमकर तारीफ की।