बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी पर बड़ा खुलासा, जानिए कितनी है संख्या

Rishi
Published on: 24 Jun 2016 12:18 AM GMT
बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी पर बड़ा खुलासा, जानिए कितनी है संख्या
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ढाकाः बांग्लादेश में सालाना जनगणना के ताजा नतीजों के मुताबिक हिंदुओं की तादाद बढ़कर कुल जनसंख्या की 10.7 फीसदी हो गई है। इससे पहले साल 2011 की जनगणना में हिंदओं की संख्या 8.4 फीसदी पाई गई थी। इसे लेकर बांग्लादेश जनगणना आयोग पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि इससे पहले आरोप लगते रहे हैं कि कट्टरपंथियों की वजह से बांग्लादेश से हिंदुओं का लगातार पलायन हो रहा है और उनकी संख्या कम हो रही है।

जनगणना के क्या हैं नतीजे?

-2011 से 2015 के बीच हिंदुओं की संख्या बढ़कर 10.7 फीसदी हुई।

-इसके अनुसार हिंदुओं की संख्या में 15 लाख की बढ़ोतरी हुई है।

-बांग्लादेश में अब हिंदू 1 करोड़ 23 लाख हो गए हैं।

-मुस्लिमों की आबादी 13 करोड़ से ज्यादा।

-1951 में बांग्लादेश की जनसंख्या में 22 फीसदी हिंदू थे।

-1974 की जनगणना में हिंदुओं की तादाद गिरकर 14 फीसदी हुई।

-2011 की जनगणना में 8.4 फीसदी हिंदू ही पाए गए थे।

सवालों पर क्या बोले जनगणना प्रमुख?

-जनगणना आयोग के प्रमुख अशरफुल हक ने बताया कि 2012 जगह जनगणना की गई।

-नमूना लेने का इलाका पिछली बार के मुकाबले बढ़ाने की वजह से हिंदुओं की तादाद ज्यादा मिली।

-हर एक इलाके में हिंदुओं के औसतन 100 से 150 परिवार रहते हैं।

हिंदुओं की आबादी पर उठे सवाल

-ढाका विश्वविद्यालय के जनसंख्या विज्ञान विभाग के प्रो. मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने उठाया सवाल।

-प्रो. इस्लाम ने कहा कि जनगणना के आंकड़ों में हेरफेर भी हो सकता है।

-उन्होंने कहा कि जब मुस्लिमों के मुकाबले में हिंदुओं में बच्चे कम पैदा होते हैं तो उनकी संख्या भला कैसे बढ़ गई।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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