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होली में खतरनाक रंगों से नादानी,बन सकती है किडनी और कैंसर की परेशानी
लखनऊः लाई है हजारों रंग होली, जी हां फागुन आ गया है और हजारों तरह के रंगों के साथ हजारों तरह की खुशियां भी लेकर आया है। बच्चों से लेकर बड़ों, औरतों से लेकर आदमियों तक सभी बड़ी बेसब्री से एक-दूसरे को रंगों में रंगने के लिए बेताब दिखाई दे रहे हैं। लेकिन बाजार में मौजूद तरह-तरह के रंग त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं हैं। हर्ष और उल्लास के इन रंगों में इतने अधिक खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं कि इनसे आपको कई बीमारियां भी हो सकती हैं। ये खतरनाक रंग न केवल आंखेां को बल्कि त्वचा, फेफड़े, और किडनी को भी खासा नुकसान पहुंचाते हैं। मिट्टी में मिलकर ये रंग वातावरण सहित भूमिगत जल को भी जमकर प्रदूषित करते हैं। जिस चेहरे को आप फेशियल से चमकाती हैं, उन्हें ये रंग दो दिन में दागदार बना सकते हैं। रंगों में मौजूद जहरीले कैमिकल्स गंभीर बीमारियों को न्यौता देते हैं। खुश्बूवाले कलरफुल स्प्रे और चाइनीज रंग लोगों में सांस की बीमारियों का कारण बनते हैं।
कैंसर और किडनी डैमेज को बुलावा देने वाले रंग
ज्यादातर रंग फैक्ट्रियों में बचने वाले कचरे , जहरीले रासायनिक अवशिष्ट और बची हुई डाई से तैयार किये जाते हैं। लाल रंग में पाये जाने वाले ऑक्साइड से किडनी में समस्या पैदा होती है। सिल्वर कलर और पेस्ट में एल्यूमिनियम ब्रोक्साइड से कैंसर हो सकता है। होली के बाद लोग नहाते हैं और कपड़े धोते हैं। उनके शरीर और कपड़ों से निकलने वाला रंग पानी के साथ जमीन के अंदर पहुंचकर जल को भी जहरीला बनाते हैं।
रंगों में पाये जाने वाले रसायन
बैंगनी – क्रोमियम आयोडाइड
सिल्वर – एल्यूमिनियम ब्रोमाइड
हरा – कॉपर सल्फेट
लाल - मरकरी सल्फेट
नीला – प्रशियम ब्लू
काला – लेड ऑक्साइड
घर में बनाएं हर्बल रंग, नहीं पड़ेगा आपकी खुशियों में भंग
नेशनल बॉटैनिकल रिसर्च सेंटर की जानी-मानी वैज्ञानिक डॉ. सईदा खातून का कहना है कि होली में पहले ही रंगों की इतनी भरमार हो जाती है कि लोग घरों पर रंग बनाने का ख्याल ही नहीं लाते। न तो समय है और न ही आसानी से रॉ मैटेरियल मिलता है। लेकिन अगर घर पर हर्बल रंग तैयार किये जायें, तो न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि त्वचा को भी कांतिमय बनाया जा सकता है। आइये आपको बताते है कि आप आसानी से घर पर ही हर्बल रंग कैसे बना सकते हैं...
पर्पल रंग - सबसे पहले चुकंदर को कद्दूकस करके पानी में डालकर उसे रात भर भिगोकर रख दें। अगले दिन होली के लिए गाढ़ा पर्पल रंग तैयार मिलेगा।
नारंगी रंग - इसे बनाने के लिए सबसे पहले हल्दी पाउडर में बेसन को मिलाएं। अगर आप नारंगी गीला रंग बनाना चाहते हैं, तो टेशू के फूलों को उबाल लें। इससे आपको फ्लोरोसेंट नारंगी रंग मिलेगा।
लाल रंग - लाल रंग का गुलाल बनाने के लिए लाल चंदन के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए इसमें अरारोट को भी मिला सकते हैं। गीला लाल रंग बनाने के लिए चंदन की लकड़ी के पाउडर को पानी के साथ उबाल सकते हैं। इसके अलावा सूखे लाल गुलाब की पंखुडि़यों को पीसकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है।
हरा रंग - हरे रंग के लिए हिना पाउडर में आटा सा बेसन मिला लें। इससे हरे रंग का गुलाल बनाया जा सकता है। गेंहूं के पौधे, पुदीना, पालक और धनिया से भी हरा रंग बनाया जा सकता है।