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जिस बैरक नंबर 12 में नहीं रहना चाहते माल्या, वहां रह चुकी हैं संजय दत्त जैसी ये बड़ी हस्तियां

Aditya Mishra
Published on: 2 Aug 2018 9:11 AM GMT
जिस बैरक नंबर 12 में नहीं रहना चाहते माल्या, वहां रह चुकी हैं संजय दत्त जैसी ये बड़ी हस्तियां
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नई दिल्ली: ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय प्रशासन से विजय माल्या के प्रत्यार्पण के बाद उसे रखे जाने वाले मुंबई के आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का तीन हफ्ते में वीडियो मांगा है। बता दे कि माल्या के वकील सुविधाओं की कमी का हवाला देकर उन्हें उस जेल में रखने से इनकार कर रहे है।

newstrack.com आज आपको कुछ ऐसे हाईप्रोफाइल केस और उनमें गिरफ्तार किये गये लोगों के बारे में बताने जा रहा है। जो आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में पहले ही सजा काट चुके है या अभी भी उसके अंदर बंद है।

ये बड़ी हस्तियां भी रह चुकी हैं बैरक नंबर 12 में

संजय दत्त

आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिए जाने के बाद 17 जून 2013 को फिल्म स्टार संजय दत्त को सजा हो गई थी। उन्हें आर्थर रोड जेल के 12 नम्बर बैरक में रखा गया था। सजा की पहली रात उन्हें जेल के अंदर अकेले ही काटनी पड़ी थी। बाद में उन्हें वहां से पुणे की यारवदा जेल ले जाया गया था।

छगन भुजवल

महाराष्‍ट्र सदन घोटाला और मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए राज्‍य के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री छगन भुजवल को आर्थर रोड जेल की 12 नम्बर बैरक में रखा गया था। उन्होंने इस बैरक को खुद PWD मंत्री रहते हुए बनाने की अनुमति दी थी। भुजबल ने 2008 में इस हाई सिक्‍यॉरिटी सेल को बनवाने के लिए जरूरी अनुमति आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

पीटर मुखर्जी

शीना बोरा हत्याकांड मामले में 19 नवम्बर 2015 को सीबीआई ने सबसे पहले शीना की मां इन्द्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। बाद में इसी मामले में इन्द्राणी के पति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार जेल भेज दिया था। इन्द्राणी को इस घटना में मुख्य आरोपी बनाया गया था। जबकि उसके पति पीटर को हत्याकांड की साजिश में शामिल होने के लिए आरोपी बना गया था। उस समय पीटर को भी आर्थर रोड जेल के 12 नंबर बैरक में ही रखा गया था।

अजमल कसाब

मुंबई में 26/11 हमलों में शामिल ज़िंदा पकड़े गये पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार करने के बाद आर्थर रोड जेल के 12 नंबर बैरक में रखा गया था। उस समय जेल के अंदर उसकी सुरक्षा पर खर्च किये रकम को लेकर देश भर में काफी हो हल्ला भी मचा था। विपक्ष की तरफ से आरोप लगाया गया था की सरकार कसाब को सुविधा प्रदान करने में रोजाना 3.5 लाख रुपये खर्च कर रही है। इस तरह एक साल में 48 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। विपक्ष ने जेल के अंदर कसाब को मिल रही बाकी सुविधाओं पर भी कई सवाल उठाये थे।

जेल में हैं ये व्यवस्थाएं

प्राकृतिक हवा और रोशनी पर माल्या के सवाल के जवाब में जेल अधिकारियों ने कहा कि हर सेल में एक खिड़की होती है, वहीं क्रॉस वेटिंलेशन के लिए सामने की दीवार पर सलाखें होती हैं। बैरक 12 में आंगन है, जिससे कैदियों को सूर्य की सीधी रोशनी मिलती है।

बैरक नंबर 12 के सभी सेल सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। यहां सेल के अंदर और बाहर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी पहरेदारी देते हैं। बैरक नंबर 12 में अमूमन हाई प्रोफाइल कैदियों को रखा जाता है, जिसे खतरे का सामना करना पड़ सकता है या जो दूसरों के लिए खतरा हो सकता है।

वैसे बैरक की हर सेल में आमतौर पर 10 से 15 कैदियों को रखा जाता है। हालांकि, मुंबई के ऑर्थर रोड जेल की बैरक 12 जैसी स्पेशलाइज्ड सेल में एक ही कैदी को रखा जाता है, जो आमतौर पर कोई हाई प्रोफाइल व्यक्ति या खतरनाक अपराधी होता है।

इस बैरक की संरचना ग्राउंड प्लस वन की है, जिसमें हर फ्लोर पर आठ सेल बने हुए हैं। सभी सेल के अंदर अलग-अलग अटैच टॉयलेट, कपड़े धोने की जगह और खुले आंगन की व्यवस्था है। आम कैदियों के सेल में भारतीय शैली के शौचालय हैं, लेकिन बैरक 12 के सेल में कमोड की व्यवस्था है।

कैदियों को एक गद्दा, एक तकिया और एक बेडशीट दी जाती है। भोजन करने के लिए मेलामाइन ग्लास, एक प्लेट और दो कटोरी दी जाती हैं। जेल में मेलामाइन बर्तनों को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि कैदी अन्य कैदियों या जेल कर्मचारियों पर हमला न करे या खुद पर भी हमला न कर सकें।

कैदियों की 24 घंटे में चार बार खान-पान उपलब्ध कराया जाता है। सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच नाश्ता दिया जाता है, दोपहर में भोजन दिया जाता है, शाम में 4.30 बजे के करीब स्नैक्स दिया जाता है और शाम में 7 बजे रात का भोजन दिया जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक कैदियों का भोजन बनाया जाता है। पुरुष कैदियों को प्रति दिन 2320 से 2730 कैलोरी और महिला कैदियों को 1900 से 2830 कैलोरीयुक्त खाना दिया जाता है।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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