×

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीनी सामानों पर देशभर में फूटा गुस्सा, 'ड्रैगन' हुआ बेदम

aman
By aman
Published on: 18 Oct 2016 7:20 PM IST
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीनी सामानों पर देशभर में फूटा गुस्सा, ड्रैगन हुआ बेदम
X

नई दिल्ली/लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी का देश के लोगों से इस दीवाली एक दीया जलाकर स्वदेशी वस्तुओं के आह्वान करने की मुहिम अब रंग ला रही है। इसका असर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देशवासियों के पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से के तौर पर चीनी सामान के बहिष्कार के रूप में सामने आ रहा है।

हाल के दिनों में सोशल मीडिया के अलावा देश के कई संगठनों ने इस दिवाली स्वदेशी अपनाने और चीन में बने सामानों के बहिष्कार को लेकर एक मुहिम चला रखी है। हालांकि देश के कई संगठन इस तरह का बहिष्कार पहले भी करते रहे थे लेकिन इस बार उरी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन जिस तरह पाक के समर्थन में आया है उससे भारतियों के इस बहिष्कार को एक मजबूत आधार मिला है।

पीएम के आह्वान को मिला रहा देश वासियों का साथ

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने हर भारतीय से एक दीया जलाकर स्वदेशी कामगारों की मेहनत को प्रोत्साहित करने की बात कही थी। हालांकि मोदी के इस बयान को वर्तमान में देश में चीन विरोधी भावना का साथ मिल रहा है।

ये भी पढ़ें ...VIDEO:दीवाली से पहले जली चीन में बने सामानों की होली, युवाओं ने निकाला स्वदेशी मार्च

बिक्री में आई 30 फीसदी की गिरावट

बाजार विशेषज्ञों की मानें तो इस त्योहारी सीजन में चीनी सामान अन्य सालों के मुकाबले 30 फीसदी कम बिकेगी। यदि ऐसा होता है तो ये चीन के लिए चिंता की बात होगी। जाहिर सी बात है जब लोग चीन सामान का बहिष्कार करेंगे तो खुद ब खुद देसी की ओर आकर्षित होंगे, जो पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' के मकसद को पूरा करेगा।

लखनऊ के बाजार में भी दिख रही सुस्ती

लखनऊ में चाइनीज सामान बेचने वाले व्यापारी हिमांशु भाकुनी ने बताया कि ऐसे विरोध पहले भी होते रहे हैं लेकिन इस बार हालात अलग ही है। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में चीन के बने कांच के कई आइटम हैं लेकिन वो बिक नहीं रहे हैं। दीवाली में बिकने वाले झालर, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान अब भी दुकान में ही पड़े हैं। अगर यही हालात रही तो इस बार दिवाली तक ज्यादातर सामान दुकान में ही रखे रह जाएंगे। कमोबेश यही हालत लखनऊ के अन्य दुकानदारों की भी है।

ये भी पढ़ें ...गांधी जयंती पर कहीं दिखाई गई डॉक्यूमेंट्री, तो कहीं हुआ चाइना मेड सामानों का बहिष्कार

चीनी सामान के 'गढ़' से भी बुरी खबर

अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बसे उत्तर बंगाल के गली मोहल्लों में चाइना का सामान सहजता से मिलना आम बात है। यहां से चाइनीज माल दिल्ली, हरियाणा, यूपी, बिहार, भूटान, असम सहित पड़ोसी देश बांग्लादेश में धड़ल्ले से जाता है। यहां सौ से अधिक चायना से आयात निर्यात करने वाले लाइसेंसी व्यापारी हैं। यहां के कई बाजार तो सिर्फ चाइनीज सामानों के लिए ही जाने जाते हैं। लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इन बाजारों से चीनी सामान के विरोध की ख़बरें आ रही हैं।

रंग ला रही बहिष्कार की मुहिम

दीवाली पर यहां 300 करोड़ रुपए का कारोबार होना आम बात है। सस्ता होने के चलते बाजार में घुसपैठ बना चुके चाइनीज उत्पादों को लोग नकारने का मन बना चुके हैं। उपभोक्ताओं में अभी से 'मेड इन इंडिया' के प्रति लगाव दिख रहा है। दीवाली पर चीनी उत्पादों के बाजार को बड़ा झटका लगना तय है। इन दिनों सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बदली हुई परिस्थितियों में चीन के पाकिस्तान के प्रति समर्थन से गुस्साए देशवासियों की 'मेड इन चाइना' के बहिष्कार की मुहिम रंग ला रही है। इस बार यहां के बाजार से भी बिक्री में 100 करोड़ रुपए की कमी का अनुमान लगाया जा रहा है।

दीवाली करीब लेकिन नहीं उठा रहे चीनी सामान

इसी तरह उत्तर बंगाल के व्यापारियों की मानें तो इस दीवाली 80 करोड़ से अधिक के चाइनीज उत्पादों की बिक्री प्रभावित होने का अनुमान है। हांगकांग मार्केट में दीवाली पर बिकने वाले चाइनीज सामान, जिनमें मुख्य रूप से सजावटी झालर, एलइडी लाइटें, प्रतिबंधित पटाखे, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तिया, कपड़े, खिलौने, करवाचौथ धनतेरस पर बिकने वाले बर्तनों सहित विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बाजारों में अब तक पड़े हैं।

पटना के बाजार से भी रौनक गायब

इसी तरह पटना के कई व्यापारियों ने खुलकर कहा कि मुनाफा कमाना तो दूर, इस बार फंसी हुई रकम निकल आए तो गनीमत है। जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी वैसे ही चीनी उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से बंद हो जाएगी। पाकिस्तान को लेकर गुस्से का असर चीनी सामान पर साफ दिख रहा है।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story