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इंडिया के इन 4 मंदिरों में आज भी महिलाएं का जाना है मना, तृप्ति का बन सकते हैं TARGET
लखनऊ: आज महिला समानता दिवस के मौके पर एक ओर जहां मुंबई में महिलाओं को हाजी अली दरगाह पर एंट्री की ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है, वहीं दूसरी ओर पूरे देश में ऐसे ही कई तमाम मंदिर हैं, जहां आज भी महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकती हैं। मुंबई में महिलाओं के एक बड़े तबके पर उनका हक दिलाने वाली तृप्ति देसाई आज औरतों के लिए एक मिसाल बन कर उभरी हैं। हाजी अली दरगाह में महिलाओं की एंट्री की परमीशन देकर मुंबई हाई कोर्ट ने महिलाओं को उनका अधिकार तो दे दिया है, लेकिन कुछ ऐसे भी मंदिर हैं, जहां खुद पुरुष देवी मां की पूजा तो करते हैं, लेकिन इन्हीं मंदिरों में महिलाएं आज भी प्रवेश नहीं कर सकती हैं।
देश में संविधान सबके लिए बराबर होने के बावजूद भी महिलाएं भेदभाव का शिकार हैं। इंडिया जैसे पुरुषवादी देश में एक ओर बेटियों और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं केरल के सबरी माला मंदिर और शनि शिंगणापुर मंदिर, में आज भी महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। महिलाओं के हक़ के लिए लड़ने वाली तृप्ति देसाई ने हाजी अली में महिलाओं को प्रवेश दिलवाकर एक जीत तो हासिल कर ली है, लेकिन अब उनसे कुछ जगहों की महिलाओं की उम्मीदें अब और बढ़ गई हैं। अब इन मंदिरों में दर्शन की इच्छा रखने वाली लड़कियों को तृप्ति का इंतजार है।
बताते हैं आपको देश के उन फेमस मंदिरों के बारे में जहां आज भी महिलाओं को प्रवेश नहीं मिलता है-
सबरीमाला का श्री अयप्पा मंदिर: केरल में बसा सबरीमाला श्री अयप्पा मंदिर भी दुनिया के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के कपाट साल में केवल दो बार ही खुलते हैं। यह मंदिर मक्का-मदीना के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां 10 की लड़की से लेकर 50 वर्ष की महिलाओं का मंदिर में आना वर्जित है। यहां पर काफी दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं। 15 नवंबर और 14 जनवरी को पट खुलने पर लोग भगवान अयप्पा के दर्शन करते हैं। मना जाता है कि भगवान अयप्पा ब्रम्हचारी थे और यही कारण है कि आज भी वहां महिलाओं को दर्शन नहीं करने दिए जाता है।
शनि शिंगणापुर मंदिर: महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में भी महिलाओं को पूरे 400 साल बाद महिलाओं को दर्शन करने की इजाजत मिली और इसकी अनुमति 8 अप्रैल 2016 को ही मिली है। इससे पहले तक इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित था।
छत्तीसगढ़ का माता मावली मंदिर: छत्तीसगढ़ के गांव पुरूर में स्थित आदि शक्ति माता मावली का काफी मंदिर है। इस मंदिर की अनोखी परंपरा के चलते यहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। जिसकी वजह से वे बाहर से दर्शन करती हैं। माता मावली के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी भक्तगढ़ पहुंचते हैं। माता जी भक्तों की मन्नत पूरी करती हैं। कहा जाता है कि एक बार इस मंदिर के पंडित को माता मावली ने सपने में दर्शन दिए और भूगर्भ से निकली देवी ने कहा कि मैं अभी कुंवारी हूं। यहां महिलाओं को प्रवेश न दिया जाए, तब से आज भी इस मंदिर में महिलाएं देवी की पूजा नहीं कर सकती हैं।
कार्तिकेय मंदिर: महिलाओं को एंट्री न देने में राजस्थान का पुष्कर शहर भी शामिल है। यहां पर बना ब्रह्माजी का एक मात्र मंदिर जरूर पूरी दुनिया में फेमस है, लेकिन यहां का कार्तिकेय मंदिर भी बहुत दर्शनीय है। इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग काफी दूर दूर से आते हैं। सबसे खास बात है कि यहां पर इस मंदिर में भी महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में जाने से महिलाएं विधवा हो जाती हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर: केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का मंदिर पद्मनाभस्वामी काफी फेमस हैं। यहां पर देश के कोने-कोने से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। पद्मनाभ स्वामी मंदिर को लेकर कहावत है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। पर इस मंदिर में महिलाओं की एंट्री बैन है जो भी महिला दर्शन के लिए आती हैं, वह बहार से ही दर्शन करके लौट जाती हैं।