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कोरियन पर्यटकों ने इंटरनेट पर बताई आगरा में स्मारकों की बदहाली, खतरे में है 'ताजमहल' भी

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Published on: 16 Feb 2017 9:50 AM IST
कोरियन पर्यटकों ने इंटरनेट पर बताई आगरा में स्मारकों की बदहाली, खतरे में है ताजमहल भी
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korean views on tajmahal

आगरा: अपने दिल में आगरा के पर्यटक स्थलों की एक बेहतरीन छवि लेकर आए पर्यटक यहां के हालात से इस कदर परेशान हुए कि उन्होंने अपनी आपबीती इंटरनेट पर लिखकर पूरे विश्व से साझा की। आगरा भ्रमण पर आए दो कोरियन पर्यटकों ने इंटरनेट पर आगरा किला की ऐसी फोटो पोस्ट की हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के स्मारकों की कलई खोल रही हैं। फोटो के साथ ही दोनों ने आपबीती भी लिखी है। कोरियन सैलानी जियॉन इन सियो मित्र ओ जॉग के साथ हाल ही में आगरा आए थे। साप्ताहिक बंदी के कारण ताज बंद था, तो वह आगरा किला देखने चले गए। इंटरनेट पर उन्होंने आपबीती कुछ यूं लिखी-‘हम किले के बाहर पहुंचे, तो तमाम सैलानी खड़े थे।

यह किला 1565-73 के बीच तीसरे मुगल शासक अकबर ने बनवाया था। 20 मीटर ऊंची लाल पत्थर की दीवारें और सफेद मार्बल से बनी इस इमारत ने हमें आकर्षित किया। अंदर पहुंचे, तो दंग रह गए। हालात 'विनाशकारी' थे। लोगों ने किले की दीवारों को लेखन और चित्रकारी से 'तबाह' किया हुआ है। दीवारों पर 500 साल पहले उकेरी गई ‘अद्भुत’ कारीगरी भी बर्बाद हो गई है। दीवारों और छत को संभालने वाले खंबों पर भी लोगों ने कुछ न कुछ लिखा हुआ है।’ पर्यटकों के अनुसार उन्हें ऐसा कोई स्थान न मिला, जिसे ‘हानि’ न पहुंचाई गई हो। उन्होंने लिखा-‘शर्म की बात तो यह है कि कई पर्यटकों ने अपना नाम, घूमने आने की तारीख दीवारों पर ‘घिस’ कर लिखी हुई है।’

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करोड़ों है कमाई फिर भी बदहाल है हालात ताजमहल के : यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार ताजमहल हमारे देश की शान है। हर साल लाखों पर्यटक ताज देखने आते हैं। ताजगंज, फतेहाबाद रोड के आसपास रहने वाली 98 फीसदी आबादी की रोजी-रोटी ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों से ही चलती है। ताज हर साल केंद्र और प्रदेश सरकारों को करोड़ों रुपये कमा कर देता है, फिर भी इसके हाल खराब हैं। पर्यटकों के लिए सुविधाओं की कमी है। इस अंतरराष्ट्रीय इमारत की दीवारों की पच्चीकारी जगह-जगह से निकल आई है। कई बार देशी-विदेशी पर्यटकों ने ताज की दुर्दशा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कीं। सुप्रीम कोर्ट भी ताज की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर खासा गंभीर है।

ये हालात तब है, जब ताजमहल से हर साल सरकार को करीब 26 करोड़ रुपए की कमाई होती है। साल 2016 में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने लिखित जानकारी दी थी कि तीन साल में ताज से 76 करोड़ रुपये कमाए गए। वहीं, इस दौरान उसके संरक्षण पर सिर्फ 11 करोड़ रुपए खर्च हुए। देश की आन, बान और शान ताजमहल को लेकर सरकार कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इस लिखित बयान से लगाया जा सकता है। हर साल ताजमहल के संरक्षण को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, लेकिन पर्यटक सुविधाओं, साफ-सफाई और संरक्षण को लेकर हर बार लापरवाही बरती जाती है।

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नहीं है अच्छे हालात बेबी ताज के भी : शहर के चार प्रमुख स्मारकों में से सबसे खराब हालत में एत्मादुद्दौला स्मारक है। बेबी ताज की दीवारों की पच्चीकारी उखड़ गई है। दीवार पर जगह-जगह लोगों ने अपने नाम लिख रहे हैं। स्मारक की दीवारों के आलों में जो पच्चीकारी थी, वो अब गायब होने लगी है। कई जगह से तो पच्चीकारी हटने के बाद लाल पत्थर दिखाई देने लगा है। मुख्य द्वारों के आसपास जो डिजाइन थी, वो भी उखड़ गई है। सफेद दीवार पर्यटकों को मुंह चिढ़ रही है। कई जगह दीवारों पर काई जम गई है। जमीन के पत्थर भी उखड़ कर बाहर आ गए हैं।

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आगरा किले की घट गई शान : मुगलों की आन, बान और शान आगरा का किला तो अपने बुरे दिन ही गिन रहा है। अधिकांश दीवारों से पच्चीकारी गायब है। मुख्य द्वारों के ऊपर देखेंगे तो छत पर गड्ढे ही नजर आएंगे। मंगलवार को भी तमाम पर्यटक किला देखने आए थे। तमाम पर्यटक यहां भी इस दुर्दशा को अपने कैमरों में कैद कर रहे थे। छत ही नहीं, यहां फर्श की हालत भी खराब है। जगह-जगह दीवारों पर सीलन के निशान हैं। परिसर में गंदगी का भी आलम था। तमाम पर्यटक किले की बदहाली को लेकर चर्चा कर रहे थे। उनका कहना था कि दिल्ली का किला इससे ज्यादा अच्छी हालत में है। कई पर्यटक तो पहली बार ही आगरा किला देखने आए थे।

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