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श्रीकृष्ण की ये है ससुराल, धूमधाम से मनता है दामाद का जन्मदिन
औरैयाः भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल के बारे में तो सभी जानते हैं। सबको पता है कि वह मथुरा में कंस के कारागार में पैदा हुए और नंदगांव में पले-बढ़े, लेकिन कम ही लोगों को श्रीकृष्ण की ससुराल के बारे में पता है। ये ससुराल है औरैया जिले में। मान्यता है कि श्रीकृष्ण की शादी यहीं की देवी रुक्मिणी से हुई थी। जाहिर है, दामाद का जन्मदिन यहां भी धूमधाम से मनाया जाता है।
कुदरकोट कस्बे में है मंदिर
औरैया के एरवाकटरा ब्लॉक के कुदरकोट कस्बे को भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल के तौर पर जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक द्वापर युग में इस जगह का नाम कुंदपुर था। ये देवी रुक्मिणी के पिता राजा भीष्मक की राजधानी थी। यहां बने मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवी रुक्मिणी यहां हर रोज माता गौरी की पूजा करने आती थीं।
मंदिर के बाहर भजन गाते भक्त
शादी की क्या है कथा?
राजा भीष्मक अपनी बेटी की शादी श्रीकृष्ण से करना चाहते थे, लेकिन देवी रुक्मिणी के भाई रुकुम इसके खिलाफ थे। उन्होंने अपने साले शिशुपाल से बहन की शादी तय कर दी। रुक्मिणी ने ये जानकारी श्रीकृष्ण को भेजी। एक दिन जब वह मंदिर में पूजा करने आईं तो भगवान श्रीकृष्ण ने उनका हरण कर लिया। कहा जाता है कि उसके बाद माता गौरी की प्रतिमा भी इस मंदिर से गायब हो गई। तभी से मंदिर को अलोपा देवी के मंदिर के तौर पर जाना जाता है।
ये लेख बताता है मंदिर का महात्म्य
ऐसे मनाई जाती है जन्माष्टमी
कुदरकोट में अपने दामाद यानी भगवान कृष्ण का जन्मदिन मथुरा से कम धूमधाम से नहीं मनाया जाता। मंदिर में जन्माष्टमी तक लगातार कृष्ण संबंधी भक्ति गीत गाए जाते हैं। जन्माष्टमी के दिन यहां का नजारा देखने वाला होता है, जब हजारों की तादाद में आसपास के इलाकों के लोग यहां पूजा करने आते हैं और "हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की" की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है।