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PHOTOS: बढ़ती ठंड से हाथी भी हुए परेशान, बनाए गए उनके लिए ट्रेंडी स्टाइल के WOOLEN

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Published on: 22 Jan 2017 8:56 AM GMT
PHOTOS: बढ़ती ठंड से हाथी भी हुए परेशान, बनाए गए उनके लिए ट्रेंडी स्टाइल के WOOLEN
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save elephants jumbo jackets

मथुरा: वन्य जीव-जंतुओं को भी ठंड लगती है। उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के चलते सामाजिक संस्था ‘वाइल्डलाइफ एसओएस’ ने मथुरा के चुरमुरा गांव स्थित 'हाथी संरक्षण एवं केयर सेंटर' के हाथियों को उत्तर भारत की हड्डियां जमा देने वाली कंपकपाती सर्दी से बचाने के लिए विशेष प्रकार की जैकेट डिजायन कर तैयार कराई हैं।

संस्था द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, संस्था मथुरा तथा हरियाणा में दो अलग-अलग हाथी संरक्षण केंद्र संचालित कर रही है। जिनमें से मथुरा में इस समय 20 हाथी-हथिनियां तथा हरियाणा में कुल 3 हथिनी प्रवास कर रही हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या कहना है संस्था की प्रवक्ता अरिणीता का

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संस्था की प्रवक्ता अरिणीता ने बताया, ‘ये सभी हाथी अब तक दशकों से अवैध रूप से उन्हें बंधक बनाकर रखने वालों, वन माफिया, भिक्षावृत्ति कराने वालों तथा सर्कस चलाने वालों के कब्जे से मुक्त कराए गए हैं।’

उन्होंने बताया, ‘इन्हें कई-कई दशक से बहुत ही बुरे वातावरण में रखा जाता रहा है तथा उन पर बेहद ही दर्दनाक जुल्म किए गए हैं। उन्हें तरह-तरह से सताया जाता रहा है। उन्हें शारीरिक के साथ-साथ मानसिक यातनाएं भी दी जाती रही हैं। उनमें से अधिकांश अंधे, काने, लंगड़े और बुरी तरह से जख्मी हैं।’

आगे की स्लाइड में जानिए क्या कहना है संस्था के सीईओ का कहना

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संस्था के सह-संस्थापक एवं सीईओ के सत्यनारायण ने बताया, ‘उनके शारीरिक व मानसिक हालात को देखते हुए उन्हें इतनी भीषण ठंड से बचाने के उपाय करना जरूरी हो गया था। इसलिए यह रास्ता अपनाया गया।’

उन्होंने आशंका जताई, ‘यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो संभवत: उनमें से कोई भी नर या मादा हाथी ठंड की चपेट में आकर न्यूमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी का भी शिकार हो सकता था, या फिर उनमें से अन्य को भी अर्थराइटिस जैसी जोड़ों के दर्द की बीमारी भी घेर सकती है क्योंकि उनमें से 3 अभी भी इस दर्दनाक बीमारी से पीड़ित हैं।’

एक अन्य सह-संस्थापक गीता सत्यनारायण ने कहा, ‘हम उन्हें हर सूरत में विशेष तौर पर हाथियों के लायक स्वस्थ्य एवं सुरक्षित वातावरण देना चाहते हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’

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