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भारतीय अभियांत्रिकी का बेजोड़ नमूना है कश्मीर की चिनैनी-नाशरी सुरंग, जानिए इसकी खासियत
पीएम नरेंद्र मोदी रविवार (02 अप्रैल) को श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दुनिया की एक विशेष अभियांत्रिक उपलब्धि का लोकार्पण किया। जिसे देख कर लोग भारत की अभियांत्रिकी का लोहा मान जाएंगे।
लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार (02 अप्रैल) को श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दुनिया की एक विशेष अभियांत्रिक उपलब्धि का लोकार्पण करने जा रहे हैं। जिसे देख कर लोग भारत की अभियांत्रिकी का लोहा मान जाएंगे। समुद्रतल से 4,000 फीट की ऊंचाई पर बनी इस सुरंग को विज्ञान और तकनीक की सर्वश्रेष्ठता के रूप में दुनिया देख रही है। 10 लाख क्यूबिक मीटर के लंबे चौड़े पहाड़ का सीना फाड़ कर नेशनल हाई वे अथॉरिटी और आई एस एंड एफ एस नामक कंपनी ने इसे छह साल में पूरा किया है।
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नेशनल हाईवे संख्या-44 पर बनी इस सुरंग की लंबाई 9.28 किलोमीटर है। चिनैनी-नाशरी टनल नाम की यह सुरंग जम्मू-कश्मीर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। उसे राज्य और पूरे देश के विकास के लिए एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।
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इस टनल की बड़ी खूबियां
इस टनल के चालू होने के बाद लोगों को पर्यटनीय स्थल कुद, पत्नीटॉप और बटोत से होकर नहीं जाना पड़ेगा और जो यहां पर बर्फबारी होने से रास्तें बंद हो जाते थे उससे छुटकारा मिल जाएगा।
यह टनल उधमपुर जिले को रामबन जिले से जोड़ेगी। इससे मार्ग की 31 किलोमीटर लंबाई कम होगी और करीब दो घंटे का सफर कम होगा।
जब फोरलेन का काम पूरा होगा तो जम्मू से श्रीनगर का सात घंटे का सफर साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा। इस टनल से कार, जीप, ट्रक और बस ही चल पाएंगे। पैदल व्यक्ति और दोपहिया वाहनों के लिए प्रवेश वर्जित रहेगा।
टनल में ऑक्सीजन का इंतजाम भी किया गया है। इसके लिए ताजा हवा का प्रवेश लगातार होता रहेगा और अंदर की हवा खुद बाहर निकलती रहेगी। साथ ही हर 150 मीटर पर इमजरेंसी कॉल सेंटर बनाए गए हैं। इनकी कुल संख्या 108 है।
इसके चालू होने के बाद जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहनों से करीब 27 लाख रुपए के वाहन ईंधन की बचत होगी।
इन सुरंग से गुजरते समय न तो किसी को एक भी मिनट रुकने की इजाजत होगी और न ही इसमें कोई धुम्रपान कर सकेगा।
इसमें कोई भी वाहन ओवरटेक नहीं कर सकता। पांच मीटर से ऊंची कोई गाड़ी यहां से नहीं जा सकती। साइकिल, अन्य दोपहिया और मीट वाहन इसमें से नहीं जा सकते।
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