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जानिए क्यों डॉक्टर कभी भी रात में शव का पोस्टमार्टम नहीं करते

शव का पोस्टमार्टम करने से पहले सगे संबंधियों से इसकी मंजूरी ली जाती है। और व्यक्ति की मृत्यु के 10 घंटे के अंदर ही शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव में ऐंठन और विघटन जैसे परिवर्तन होने लगते हैं।

SK Gautam
Published on: 16 July 2019 2:02 PM GMT
जानिए क्यों डॉक्टर कभी भी रात में शव का पोस्टमार्टम नहीं करते
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लखनऊ: जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो डॉक्टर द्वारा शव का परीक्षण किया जाता है। जिसे पोस्टमार्टम कहा जाता है। पोस्टमार्टम से यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति की मौत किस कारण से हुई थी।

मृत्यु के 10 घंटे के अंदर ही शव का पोस्टमार्टम किया जाता है

शव का पोस्टमार्टम करने से पहले सगे संबंधियों से इसकी मंजूरी ली जाती है। और व्यक्ति की मृत्यु के 10 घंटे के अंदर ही शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव में ऐंठन और विघटन जैसे परिवर्तन होने लगते हैं।

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डॉक्टर कभी भी रात को शव का पोस्टमार्टम नहीं करते हैं। क्या आप इसके बारे में जानते हैं ? अगर नहीं तो आइए जान लेते हैं। रात को डॉक्टर शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं करते हैं ? जानिए खतरनाक सच्चाई।

वैज्ञानिक कारण

रात को शव का पोस्टमार्टम नहीं करने की असली वजह रोशनी होती है। क्योंकि रात के समय ट्यूबलाइट और एलईडी की रोशनी में चोट का लाल रंग हमें बैंगनी रंग दिखाई देने लगता है। चोट का निशान सूरज की रोशनी में ही सही दिखता है।

और जब रात में एलईडी की रोशनी में चोट का निशान बैंगनी दिखाई देता है तो फॉरेंसिक साइंस में इसका उल्लेख नहीं हो पाता है।

धार्मिक कारण

इसके अलावा हिंदू धर्म में रात को शव का पोस्टमार्टम करना वर्जित है। इसलिए डॉक्टर कभी भी रात को शव का पोस्टमार्टम नहीं करते हैं।

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रात को शव का पोस्टमार्टम करते समय कृत्रिम रोशनी में चोट के रंग अलग-अलग दिखाई देने लगते हैं। इसलिए डॉक्टरों को कोर्ट भी रात को शव का पोस्टमार्टम करने के लिए मना करता है। इसलिए डॉक्टर रात को शव का पोस्टमार्टम करने से पहले ही मना कर देते हैं।

SK Gautam

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