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कारोबार पर चढ़ा दिवाली का रंग, प्रशासन भी मुस्तैद नहीं चलेगी मनमानी

raghvendra
Published on: 21 Oct 2017 8:27 AM GMT
कारोबार पर चढ़ा दिवाली का रंग, प्रशासन भी मुस्तैद नहीं चलेगी मनमानी
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लखनऊ। डीएम लखनऊ कौशलराज शर्मा ने बताया कि दीपावली पर अब मनमानी नहीं चलेगी। दीपावली को शांति और सौहार्द से मनाने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इस बार तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री पर रोक है।

दीपावली पर पटाखे के प्रकार से लेकर पटाखे जलाने तक के समय को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किया है। इसके चलते तेज आवाज वाले पटाखों की खरीद, बिक्री और उसे छुड़ाने पर पाबंदी रहेगी।

इस बार दीपावली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर लोग तरह तरह की तेज आवाज वाली आतिशबाजी का प्रयोग और खरीद- फरोख्त करते हैं। इसके अलावा ऐसे पटाखों का भी प्रयोग होता है जो बहुत तेज आवाज वाले और आम जनता में दहशत फैलाने वाले होते हैं।

इनमें तेज आवाज वाले बम, चटाई, लडिया, मिसाइल्स,राकेट आदि का प्रयोग और क्रय-विक्रय किया जाता है। जिसके फलस्वरूप लोगों के घायल हो जाने और तेज आवाज से भयभीत हो जाने की प्रबल आशंका है जिससे जनसम्पत्ति, जनसुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा तथा शान्ति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

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ऐसी स्थिति में धारा-144 द0प्र0सं0 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जनजीवन एवं निजी/लोक सम्पत्ति की हानि एवं दंगा बलवा के निवारण के उद्देश्य से पूरे जनपद में प्रतिबन्धात्मक आदेश पारित किये है।जिसमें पटाखे के फटने के स्थान से 4 मीटर की दूरी तक125डी0बी0(ए0आई0) अथवा 145डी0बी0(सी0) पी0के0 से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय निषिद्ध रहेगा।

इसके साथ ही साथ कोई भी व्यक्ति शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे छुड़ा सकेगा। इस समय को छोडक़र कोई भी रात10.00 बजे से सुबह 6.00 बजे तक की अवधि में पटाखों का प्रयोग नही करेगा।

कोई भी व्यक्ति तेज आवाज वाली आतिशबाजी जिसका मानक 125 डेसिबल से अधिक हो, तेज आवाज वाली बडी व खतरनाक आतिशबाजी जैसे राकेट, लडियां, बम, चटाई, क्रैकर, मिसाइल्स आदि न तो उसका विक्रय करेगा और न ही उसका प्रयोग करेगा। इसके साथ ही साथ कोई भी व्यक्ति बिना क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की परमीशन के आतिशबाजी के फुटकर विक्रय की दुकान 17 अक्टूबर 2017 से पूर्व नही लगायेगा और न ही विक्रय करेगा।

अस्थाई आतिशबाजी की दुकानें अनुज्ञा प्राप्ति के बाद 17 व 18 अक्टूबर 2017 को सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक और 19 अक्टूबर 2017 को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक लगाई जायेगी। अस्थाई फुटकर बिक्री की दुकान निर्धारित स्थलों के अतिरिक्त अन्यत्र नही लगाई जायेगी।

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उन्होंने कहा कि फुटकर विक्रेता आतिशबाजी का बचा हुआ सामान अपने यहां भण्डारण नहीं करेगा बल्कि उसी लाइसेन्सी दुकान को दीपावली के एक दिन बाद वापस कर देगा जिस थोक लाईसेन्सी दुकान से क्रय किया हो। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति संकरे क्षेत्र और घनी आबादी के बीच अग्निशमन की दृष्टि से असुरक्षित स्थान तथा अनुज्ञा पत्र में वर्णित क्षेत्र के अतिरिक्त कहीं कोई आतिशबाजी की दुकान नहीं लगायेगा।

उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति अन्य आतिशबाजी जो अपने व्यक्तिगत प्रयोग में लाने हेतु संग्रह करेगा उसकी मात्रा एक किलाग्राम से अधिक नही होगी ऐसा व्यक्ति इस आतिशबाजी का तीन दिन के बाद उपयोग नही करेगा।

यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि बीच में वापस न लिया गया तो 21 अक्टूबर 2017 तक प्रभावी रहेगा।इस बार दीपावली पर विदेशी पटाखों का क्रय,विक्रय और उपयोग नहीं किया जायेगा। उन पटाखों को विक्रय नही किया जायेगा, जिसमें एण्टीमनी, लिथियन, मरकरी, आर्सैनिक, लेण्ड और स्ट्रान्सियम क्रोमेड का प्रयोग किया गया है।

उन्होने कहा कि शान्त क्षेत्र में किसी भी समय पटाखे नहीं छोडे जायेंगे। अस्पताल, नर्सिंग होम, शिक्षण संस्थान, न्यायालय, विधान सभा भवन क्षेत्र, जी0 पी0 ओ0, प्राणि उद्यान के 200 मीटर की परिधि के परिक्षेत्र में आतिशबाजी का न तो विक्रय करेगा और न ही उसका प्रयोग करेगा। हालांकि पटाखा कारोबारियों का मानना है कि एक ओर जीएसटी तो दूसरी ओर इतने प्रतिबंधों के चलते पटाखा व्यापार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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