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फैशन कभी पुराना नहीं होता, क्लासिक डिजाइन है इंडिया की पहचान-मीठी कालरा

suman
Published on: 6 May 2017 9:49 AM GMT
फैशन कभी पुराना नहीं होता, क्लासिक डिजाइन है इंडिया की पहचान-मीठी कालरा
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नई दिल्ली (आईएएनएस): युवा फैशन डिजाइनर मीठी कालरा भारतीय शैली के पोशाक डिजाइन करने को महत्व देती हैं। उन्होंने हाल ही में इंडियन फेडरेशन ऑफ फैशन डेवलपमेंट द्वारा यहां आयोजित तीन दिवसीय फैशन महोत्सव 'इंडिया रनवे वीक' में भाग लिया, जो युवा डिजाइनरों पर केंद्रित था। कालरा ने यहां भी भारतीय पोशाकों पर आधारित 'मूनलाइट कलेक्शन' पेश किया था।

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भारतीय पोशाकों से प्रेम के पीछे की वजह के बारे में कालरा कहती हैं, 'मुझे लगता है कि भारत में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो पूरी तरह हार्डकोर नेटवर्क में काम कर रहे हैं। सोसायटी की बात करें तो युवा, यहां तक कि बुजुर्ग भी पूरी तरह भारतीय पोशाक नहीं पहन रहे हैं। यही वजह है कि मैं कुछ क्लासिक और भारतीय पेश करना चाहती हूं।'

कालरा ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, 'मेरा ताजा मूनलाइट कलेक्शन पूरी तरह भारतीय है। मेरे ज्यादातर कलेक्शन भारतीय ही होते हैं, मेरा पिछला कलेक्शन भी भारतीय पोशाक पर ही था। लेकिन यह दिखने में अतंर्राष्ट्रीय होता है। मुझे लगता है कि मैं जो डिजाइन करती हूं, वह सबसे अलग है। बाजार से अलग है।'

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कालरा ने 'मूनलाइट कलेक्शन' की व्याख्या की, उन्होंने कहा कि यह चांद-तारों की पवित्रता से प्रेरित है। उन्होंने कहा, 'चांद की रोशनी स्वाभाविक रूप से मेरे पास आती है। चांद-तारों की पवित्रता हमेशा मुझे आकर्षित करती है।'

मूनलाइट कलेक्शन की खासियत? कालरा कहती हैं, 'मोनोक्रोम ट्रेंड लंबे समय से प्रचलन में थे, इसमें कुछ बदलाव की आवश्यकता थी। इसलिए मैंने, इसमें कुछ कट और पैटर्न के साथ आसानी से पहनने योग्य पोशाकें तैयार की, जिन्हें फैशन रनवे में प्रदर्शित किए गए।'

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मीठी मार्केटिंग में एमबीए हैं, फिर फैशन की दुनिया में कैसे आ गईं? उन्होंने कहा, 'बचपन से मुझे इसमें रुचि रही है। इसलिए एमबीए के बाद मैंने फैशन की दुनिया में आने का फैसला किया। मेरी मां ने इसकी शुरुआत की थी। उन्हें देखकर रुचि जगी।'

शन डिजाइनर न होती तो? उन्होंने तपाक से कहा, 'बेशक, कही जॉब कर रही होती, आखिर वे मार्केटिंग में कालरा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की पूर्व छात्रा हैं। फैशन की दुनिया में कदम रखने से पहले की सोच और आने के बाद हुए अनुभवों के बारे में उन्होंने कहा, 'मैंने 21 वर्ष की आयु में इसकी शुरुआत की थी। मैं हमेशा से इसे आसान मानती आई हूं और मां की मदद से यहां तक पहुंची और यहां आने के बाद प्रतियोगिता देखी, बस यही बदलाव नजर आया।'

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फैशन डिजानिंग में कालरा का पसंदीदा विषय स्केचिंग है, लेकिन सपनों का स्केच बनाना उनकी फितरत में नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह मेरा दूसरा शो था और मैं अभी नहीं बता सकती कि कहां जाएंगे और आगे क्या होगा।'

फैशन बदलता रहता है, हम जिसे पुराना कहकर छोड़ देते हैं, कुछ दिन बाद वही लौट कर आता है। इस बारे में कालरा कहती हैं, 'दरअसल, पुराना कुछ नहीं होता, यह निर्भर करता है कि आप उसे कैसे पहनते हैं, या उसका किस प्रकार इस्तेमाल करते हैं। भारत में क्लासिक चीजें अच्छा काम करती हैं। भारत का मौसम काफी अच्छा है, खासतौर से दिल्ली का।'

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उन्होंने आगे कहा, 'अभी मैं कहूंगी कि फैशन टाइमलेस होता है, क्लासिक है। मैं निजी तौर पर क्लासिक पहनना पसंद करती हूं। मैं चाहती हूं कि वह मेरी अलमारी में रहे और मैं उसे कभी भी पहन सकूं। पुराना कुछ नहीं होता, 10-15 साल वह अच्छा ही रहता है। थोड़ा बहुत फर्क आता है वरना फैशन वही रहता है।

सौजन्य: आईएएनएस

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