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हापुड़ में असौड़ा गांव से महात्मा गांधी ने जलाई थी स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल
यूपी के जनपद हापुड़ के थाना देहात क्षेत्र के गांव असौड़ा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वर्ष 1942 में आयोजित असहयोग आंदोलन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए की जा रही यात्रा के दौरान रियासत असौड़ा में भी आए थे, यहां उनका लोगों ने खुश होकर पलके बिछाकर स्वागत किया था।
हापुड़: यूपी के जनपद हापुड़ के थाना देहात क्षेत्र के गांव असौड़ा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वर्ष 1942 में आयोजित असहयोग आंदोलन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए की जा रही यात्रा के दौरान रियासत असौड़ा में भी आए थे, यहां उनका लोगों ने खुश होकर पलके बिछाकर स्वागत किया था। उनकी यात्रा जनपद मेरठ से फफूंडा,खरखौदा और असौड़ा आदि गांवों से होते हुए गाजियाबाद पहुंची थी इस दौरान लोनी में नमक के पैकेट भी बांटे गए थे।
इसी दौरान मेरठ में विदेशी कपड़ों की होली जलाने पर चौधरी रघुवीर नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज दिया गया था। इससे पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी असौड़ा के महल में आए थे।
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पहले यहां थी रियासत
आपको बता दें की जनपद हापुड़ विकास खंड का ग्राम असौड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव हैं। इस गांव की आबादी 25 हजार से अधिक है। ग्राम असौड़ा वर्ष 1800 से वर्ष 1947 तक असौड़ा रियासत के नाम से जाना जाता था। इस गांव के निवासी रघुवीर नारायण सिंह के पिता का नाम चौधरी देवी सिंह था जिनकी गिनती उत्तर प्रदेश में बड़े जमींदारों में होती थी।
अंग्रेजों ने उन्हें राय बहादुर की उपाधि प्रदान की थी । वर्ष 1928 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ग्राम असौड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया था। जनसभा में राजगोपालाचारी, मौलाना आजाद भी मौजूद थे। सभा का आयोजन चौधरी रघुवीर नारायण सिंह त्यागी ने किया था, जिसमे बड़ी संख्या में क्षेत्र के निवासी मौजूद थे।
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