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MALALA DAY: 19 साल की मलाला ने फिर जताई इच्छा- हर बच्ची हो शिक्षित

Rishi
Published on: 13 July 2016 1:45 AM IST
MALALA DAY: 19 साल की मलाला ने फिर जताई इच्छा- हर बच्ची हो शिक्षित
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कराचीः मलाला यूसुफजई का नाम तो आपको पता ही होगा। सबसे कम उम्र में नोबल पुरस्कार हासिल करने वाली पाकिस्तान की ये बहादुर बच्ची मंगलवार को 19 साल की हो गई। इस मौके पर मलाला ने अपनी चाहत का फिर इजहार किया। वह कुछ और नहीं चाहतीं, उनकी बस एक ही ख्वाहिश है। ख्वाहिश ये कि दुनिया की हर बच्ची शिक्षित हो।

बता दें कि हर साल 12 जुलाई को 'मलाला डे' पूरी दुनिया में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने साल 2013 में मलाला की 16वीं सालगिरह पर इस खास दिन को मनाने का ऐलान किया था। मलाला ने इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना संबोधन भी दिया था। उसमें भी उन्होंने दुनियाभर की बच्चियों की शिक्षित करने के अपने मिशन के बारे में कहा था।

अपने उस भाषण में मलाला ने कहा था, 'ये दिन सिर्फ मेरा नहीं है, ये उन सभी महिलाओं, हर बच्चे और बच्ची का दिन है, जिसने अपने हक के लिए आवाज उठाई है।' तभी से हर साल मलाला अपने जन्मदिन पर दुनिया के ऐसे इलाकों में जाती हैं, जहां बच्चियों को शिक्षा हासिल करने के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बता दें कि मलाला का जन्म पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले के मिंगोरा में हुआ था। 13 साल की उम्र से ही वह पाकिस्तानी तालिबान के अत्याचारों के बारे में छद्म नाम से बीबीसी के लिए ब्लॉग लिखती थीं। साल 2012 के अक्टूबर महीने में आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। जिसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आईं। उनका काफी वक्त तक लंदन में इलाज चला। इसके बाद मलाला की जान बची।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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