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इस शख्स के पास सुरक्षित है 40 साल पुराना टिकट,35 पैसे थी कीमत
गाजियाबाद: पंजाब बैंक से सेवानिवृत एक कर्मचारी और दैनिक यात्री संघ के सचिव पिछले 40 साल से ट्रेन यात्रियों की सहुलियतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिले में नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन खुलवाने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। 39 साल पहले नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की शुरूआत हुई थी और सबसे पहला टिकट भी एमबी दूबे बिजनौरी ने ही खरीदा था। आज भी बिजनौरी 39 साल पुराने उस टिकट को लैमीनेट कर अपने पास संजोए हुए हैं। हालांकि यह टिकट बिना नंबर और सीरिज का है, जो महज 35 पैसे में खरीदा गया था।
यात्रियों को होने वाली परेशानियों से हुए द्रवित
एमबी बिजनौरी दैनिक यात्री संघ के सचिव हैं, जो गाजियाबाद की पीएनबी शाखा से वर्ष 2003 से सेवानिवृत हुए थे। वे दिल्ली से गाजियाबाद तक रोजाना ट्रेन के माध्यम से ही आते थे। यानि वर्ष 1960 से आज तक एमबी दूबे ट्रेनों में दैनिक यात्री हैं। ट्रेनों में सफर के दौरान रोजाना यात्रियों के सामने आने वाली परेशानियों ने बिजनौरी को द्रवित कर दिया और उन्होंने दैनिक यात्रियों के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया। वर्ष 1960 में उन्होंने दैनिक यात्री संघ की संस्था बनाई थी, जो अपने 50 साल पूरे कर चुकी है।
दो स्टेशनों की रखी थी नींव
दैनिक यात्री संघ के सचिव एमबी दूबे बिजनौरी का कहना है कि उस समय वे रेल उपभोगकर्ता सलाहकार समिति उत्तर रेलवे के सदस्य हुआ करते थे। उनके आग्रह पर ही तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मोहम्मद शफी कुरैशी ने नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन और दिल्ली के विवेक विहार स्टेशन की नींव वर्ष 1976 में रखी गई थी। नया गाजियाद रेलवे स्टेशन से उस दौरान गिने-चुने यात्री सफर करते थे। लेकिन आज यहां से चलने वाले यात्रियों की संख्या कई हजार है और रेलवे को भी नौ लाख रुपए का राजस्व हर माह प्राप्त होता है। जिले में पहले मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन को यहां रोका गया था। उस दौरान रेलवे स्टेशन पर करीब 57 ट्रेनों का स्टॉपेज हुआ करता था। जिले से करीब बीस हजार दैनिक यात्री स्टेशन का इस्तेमाल अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए किया करते थे।
बिजनौरी ने सुरक्षित रखी हैं 76 फाइलें
ट्रेनों के स्टॉपेज, साफ सफाई, पेयजल, रिजर्वेशन, टिकटों पर रियायत, महिलाओं, बुजुर्ग और विकलांगों के लिए छूट और रिजर्व सीट आदि से संबंधी करीब पांच सौ से अधिक पत्र रेलमंत्रालय को लिखे हैं। रेलमंत्रालय से शिकायत संबंधी करीब 76 फाइल आज भी बिजनौरी के पास सुरक्षित रखी हुई हैं।
बैंक से ज्यादा है रेलवे का ज्ञान
बिजनौरी का कहना है कि उन्होंने लंबे समय तक बैंक में अपनी सेवाएं दी हैं। वर्ष 1960 तक उनकी पोस्टिंग फरीदाबाद में हुआ करती थी। वर्ष 1965 के बाद गाजियाबाद जीटी रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन आज भी उन्हें बैंक से ज्यादा रेलवे का ज्ञान हैं। यात्रियों की सुविधा और समस्याओं को लेकर रेलमंत्रालय से पत्राचार होता रहता है।