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ये सेलिब्रिटी पहली बार बनेंगे मास्टरशेफ सीजन 5 के जज
लखनऊ : दुनिया भर में भले ही पुरुष कुक अपना लजीज खाना पेश कर फूड इंडस्ट्री में नाम कमा रहे हो, लेकिन घर के किचन में रोज खाना बनाने वाली महिलाओं का जायका भी लाजवाब होता है।
अपने इसी हुनर को दुनिया को दिखाने और मास्टरशेफ का खिताब पाने के लिए जल्द ही शुरू होगी जायके की जंग।
पहली बार जोरावर कालरा बनेंगे जज
-इस बार शो में जायके और टेक्नोलॉजी के साथ मास्टरशेफ सीजन 5 में जोरावर कालरा जज बन कर आ रहे हैं।
-शो के प्रोमोशन के लिए लखनऊ के ताज होटल पहुंचे जोरावर कालरा ने यहां के जायके की जमकर तारीफ की।
-मेड इन पंजाब, फर्जी कैफे मसाला बार और मसाला लाइब्रेरी उनकी पहचान है। -इस बार मास्टरशेफ सीज़न 5 में पहली बार जज बनकर जायकेबाजों को मॉलिक्यूलर टेक्नोलॉजी का पाठ पढ़ाते नजर आएंगे।
मॉलिक्यूलर टेक्नोलॉजी लाएगा खाने में निखार
-जिग्स कालरा के बेटे जोरावर कालरा का कहना है कि मॉलिक्यूलर टेक्नोलॉजी खाने में निखार लाएगा।
-उनका यह भी कहना हैं कि खाना बनाना सिर्फ एक शौक नहीं बल्कि एक कला है।
जोरावर का क्या कहना है?
जोरावर का कहना था कि पूरी दुनिया में हिंदुस्तानी खाने का कोई जवाब नहीं, लेकिन अगर इसी खाने को मॉलिक्यूलर टेक्नोलॉजी ( साइंस और आर्ट ) से बनाया जाए तो बिना जायका बदले यही खाना पकवानों का बादशाह बन जाता है।
19 से 70 साल तक के शेफ दिखाएंगे हुनर
जोरावर का कहना था कि मास्टरशेफ का मखमली खिताब जीतने के लिए लोग लंबी लंबी लाइन लगा कर ऑडिशन देने के लिए आए है। खास बात यह
थी की जायके की इस जंग में अगर 19 साल के उम्र के लोग होंगे तो उनको टक्कर देने के लिए 70 साल के बुजुर्ग भी पाककला में अपना हुनर दिखाएंगे।
लखनऊ का गलावटी कबाब है फेवरेट
लखनऊ का गलावटी कबाब हो या फिर काकोरी के मशहूर कबाब सबसे उम्दा जायका तो यूपी में ही मिलता है। जोरावर का कहना है कि लखनऊ के टुंडे कबाबी के गलावटी कबाब को मेरे पापा जिग्स कालरा ने पूरी दुनिया में पहचान दिलाई। इसको फूड इंडस्ट्री के बड़े-बड़े रेस्तरां ने अपने मेन्यू में शामिल किया।
लखनऊ से है पुराना नाता
उनका कहना है कि अपने पापा के साथ लखनऊ आते रहने की वजह से मेरा और लखनऊ का पुराना नाता है। इसीलिए जोरावर जल्द ही नॉएडा में रेस्तरां खोलने के बाद लखनऊ को अपने फ़र्ज़ी कैफे और मेड इन पंजाब के मॉडर्नाइज ज़ायके का तोहफा देंगे।
स्वाद चखना ही मेरी खूबी
टेस्ट जज करने माहिर जोरावर कालरा का कहना है की 10 साल की उम्र से अपने पिता के साथ फूड टेस्ट करने के लिए टूर पर जाते रहने की वजह से उनमें भी यह खूबी आ गई।
उन्होंने कहा की वो कुक नहीं हैं बल्कि अपने ब्रांड रेस्टोरेंट में बड़े बड़े शेफ होने के बावजूद सभी खानों के टेस्ट का फैसला वो खुद करते है। मास्टरशेफ सीजन 5 में डिशेज की सजावट की परख और उसका स्वाद चखने की जोरावर की इसी खूबी की कसौटी पर उतरकर कोई एक ही कंटेस्टेंट मास्टरशेफ का खिताब जीत पाएगा।