TRENDING TAGS :
पूरी दुनिया में जीका वायरस का खौफ, मेरठ की बेटी ने सुलझाई गुत्थी
मेरठ : लंबे समय से वैज्ञानिको में जीका वायरस को सुलझाने की कोशिशे चल रही थी। अब देविका सिरोही और उसकी टीम ने इस वायरस की गुत्थी को सुलझा लिया है। इसे सफलतापूर्वक सुलझाने 7 सदस्यों की टीम में देविका भी शामिल है। इस दल में 3 प्रोफेसर और 4 छात्र शामिल थेे।
कब खोज की?
-देविका ने 31 मार्च 2016 को परडयू यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के तहत जीका वायरस की खोज की।
-यह वायरस मच्छरों से संबंधित है।
-यह डेंगू की तरह एक खतरनाक है, जो अजन्मेें बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है।
-विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीका वायरस को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना है।
शोध में कितना समय लगा?
-देविका ने बताया कि जीका वायरस के स्ट्रक्चर को समझने में चार महीने का समय लगा।
-इस दौरान हम मुश्किल से एक दिन में सिर्फ 2 या 3 घंटे ही सोते थे, लेकिन आखिर में हमारी कड़ी मेहनत सफल हो गई।
-उन्होंने बताया कि इससे अब जीका वायरस के खिलाफ दवाई बनाने में आसानी मिलेगी।
-हम इस साल के आखिर तक अपनी रिपोर्ट को सौंप देंगे।
क्या कहा गृहमंत्री?
-गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि मेरठ निवासी देविका सिरोही की उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है।
-उन्होंने कहा कि अपने परिवार के साथ पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
बेटी की पढ़ाई को दिया महत्व
-गृहमंत्री ने कहा कि देविका की उपलब्धि ने लड़कियों की पढ़ाई का महत्व बताया है।
-हमारा ध्यान बेटी पढ़ाओं-बेटी बचाओं पर होना चाहिए।
-एक अमेरिकी विश्वविद्यालय की शोध छात्रा देविका उन 7 सदस्यीय शोध दल की सबसे कम उम्र की सदस्य है।
-जिसने पहली बार जीका वायरस की संरचना की गुत्थी सुलझाई है।
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस दुनिया में बहुत तेजी से फैल रहा है। यह एडीस ऐजिप्टी मच्छर (Aedes aegypti mosquito) नामक से फैलता है। इसका पहला केस साल 1947 में युगांडा में दर्ज किया गया था। अब तक कुल 24 देशों में फैल चुका है। अकेले वेनेजुएला में ही इसके 4700 मामले पाए गए हैं और 4000 से अधिक नवजात इसके शिकार हो चुके हैं। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि अगर कोई महिला जीका वायरस से ग्रसित शिशु को जन्म देती है, तो उसे अस्थायी लकवा जैसा भी हो सकता है।