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किसी के लिए प्यार की मूर्ति तो किसी के जीवन की हंसी, भगवान का रूप होती है मां

suman
Published on: 13 May 2017 4:52 PM IST
किसी के लिए प्यार की मूर्ति तो किसी के जीवन की हंसी, भगवान का रूप होती है मां
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सुमन मिश्रा

लखनऊ: भगवान का दूसरा रूप है मां, ममता की गहरी झील है मां, वो आशियाना भी जन्नत से कम नहीं जहां भगवान की तरह पूजी जाती है मां। जिसने 9 महीने गर्भ में रख खून से सींचकर एक जीवन दिया, जिसकी उंगली पकड़ हमने चलना सीखा। जिसकी ममता के छांव में हम हर गम भूल जाते हैं। वो निस्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति हम सबकी मां है। मां शब्द जुबान पर आते ही मन मस्तिष्क में प्रेम का जो संचार होता है वो कोई और नहीं कर सकता है। मां जिसके प्यार की तुलना कोई नहीं कर सकता है और ना कोई दे सकता है। मां के निश्चल प्रेम को पाने के लिए भगवान को भी धरती पर आना पड़ा है।

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इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी स्वार्थ के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यार और परवरिश देती है। एक मां के लिए बच्चा ही सबकुछ होता है। वो एक अच्छी श्रोता होती है और हमारे हर अच्छी और बुरी बातों को सुनती है, जो हम कहते हैं। वो हमें कभी रोकती नहीं और किसी हद में नहीं बाँधती। अच्छे-बुरे का फर्क करना सिखाती है।

मां के बारे में जितना कुछ व्यक्त किया जाए वो कम है। इस मदर्स डे हम कुछ लोगों के विचार मां और उनके साथ बिताएं पलों को शेयर कर रहे हैं। उनकी अपने मां और अपने बच्चों से क्या उम्मीदे रहती है मदर्स डे को लेकर।

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रीता का कहना है कि उनकी मां का उनके जीवन में अहम रोल है। आज जो भी है, इसमें उनकी मां का बहुत योगदान है। मां ने ही उन्हें हर परिस्थिति से लड़ना सिखाया है। मां की वजह से ही वो जॉब कर पाती है, आज मां का सपोर्ट और प्यार है तभी वो कोई भी डिसीजन खुद से ले पाती है।

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लखनऊ की अंजली कहती है कि उनकी नए ख्यालों की हैं और हर बात में सपोर्ट करती हैं। कभी किसी काम के लिए नहीं कहती। कभी कोई रोक-टोक नही करती। हमेशा प्यार करती है । कभी डांटती भी है तो उसमें उनका प्यार छिपा होता है। मां कही भी जाएं चाहे घूमने या पार्टीज साड़ी में पिन अपनी लाडली अंजली से ही लगवाएंगी। मां पर चुटकी लेते और उन्हें छेड़ते हुए अंजली कहती है वो किसी से नहीं लड़ती, सिवाय पापा के। मां तुम्हारा साथ हमेशा बना रहे। आई लव यू मॉम

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लखनऊ की नीतू सिंह जो पेशे से टीचर हैं, उनके लिए मां के मायने कुछ अलग हैं। उनका कहना है कि आजकल और पहले के वक्त में रिश्तों को लेकर फीलिंग थोड़ी अलग है। पहले मां के साथ बच्चों का अटैचमेंट बहुत होता था। अब वो फीलिंग कम हो गई है। अब बच्चे फ्रेंडली हो गए हैं। रिलेशनशिप में फ्री होने की वजह से रिस्पेक्ट थोड़ा कम करते हैं। उनके हिसाब से मदर्स डे की वजह से थोड़ा बहुत रिलेशनशिप में जुड़ाव होता है। मदर्स डे मां बच्चों को जोड़ने का करता है। एक मां के तौर पर उन्हें इंतजार रहता है मदर्स डे का।

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मदर्स डे पर एसकेडी एकेडमी की प्रिंसिपल रश्मि भार्गव का कहना है कि अब चीजें ज्यादा मनाई जाने लगी हैं। श्रद्धा कम होने लगी है। मदर्स डे तो हर दिन होता है। मां हर दिन बच्चे की केयर करती है तो फिर एक दिन रिस्पेक्ट क्य़ों? इस लिए हर दिन मदर्स डे है बच्चे जिस सही मायने में मां-बाप के दर्द को समझेंगे उसी दिन सहीं मायने में मदर्स डे होगा।

मदर्स डे पर किरण सिंह का कहना है कि जेनेरेशन गैप हो गया है, लाइफ स्टाइल चेंज होने की वजह से बच्चों में आरग्यू ज्यादा करने लगे हैं। मदर्स डे पर बच्चे विश करते हैं तो अच्छा लगता है। एक तरह से यह दिन मां और बच्चे को जोड़ने का काम करता है और उन मांओं के लिए भी खास होता है जिन्हें आपना जन्मदिन नहीं पता होता इस बहाने उनके लिए एक खास दिन मिल जाता है।

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रांची की बलजीत कौर कहती है कि उनकी मां ने उन्हें साहस दिया, प्यार दिया और अच्छे-बुरे की पहचान दी आज जो है अपनी मां की वजह से। उनकी मां दुनिया की सबसे बेस्ट मां है और सबसे खूबसूरत। आईलवयू मॉम।

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संगीत टीचर निधि वर्मा का कहना है कि मदर्स डे उनके लिए बहुत ही स्पेशल है। इस दिन को वो अपनी मां को याद कर करके सेलिब्रेट करती हैं । ससुराल में होने की वजह से मां को याद करती हैं, बात करती है, और अपनी सासुमां के साथ मदर्स डे को सेलिब्रेट करती है। सासुमां भी तो मां होती है। इसके साथ ही उनका कहना है कि वर्किंग लेडी के पास इतना वक्त नहीं होता कि वो बच्चों समय दे पाए तो उनके लिए ये डे स्पेशल होता है जब वो अपने बच्चे का साथ होती है।

अनिया राय मदर्स डे पर अपने जीवन से जुड़ा वाकया याद करते हुए कहती हैं कि जब उन्होंने अपनी मां को वैष्णों देवी का टिकट दिया तो उनके पैरेंट्स के आंखों में जो खुशी के आंसू दिखे, उनका दिल भर आया और मन को इस बात की तसल्ली हुई कि मां के चेहरे पर खुशी ला सकी।

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मुंबई का रहने वाली पराशर बरखा का कहना है कि मां प्रकृति का खूबसूरत तोहफा है और मदर्स डे हर मां के लिए स्पेशल दिन होता है। पहले मैं बेटी थी जब मां बनी तो मां होने की फीलिंग समझ आई और मेरी बेटी के रुप में ईश्वर ने अनमोल गिफ्ट दिया है। जिसे मैं बहुत प्यार करती हूं और मुझे। उसके प्यार भरे हाथों का स्पर्श ही मेरे अनमोल तोहफे की तरह है।

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रांची की सुप्रिया शालिनी के लिए भी मां और मां के लिए सेलिब्रेट किया जाने वाला ये दिन खास होता है। वैसे मां तो मां होती है। उसके निश्चल, नि:स्वार्थ प्रेम के लिए तो एक दिन होना चाहिए। जिस दिन हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकेँ।

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कोलकता की रहने वाली रीना कर का कहना है कि वे मदर्स डे को नहीं मानती हैं। उनके लिए हर दिन मदर्स डे है। वो जब अपनी मां साथ होती है तब उनकी हेल्प करके अपने इमोशंस बयां करती हैं। छोटी-छोटी चीजें जैसे मां को बेड टी देकर, खाने में कुछ स्पेशल बनाकर और किचेन से छुट्टी देकर वो मां खुशी देने की कोशिश करती हैं।

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बिलासपुर की रहने वाली राखी सिन्हा का कहना की वो वर्किंग वुमेन हैं और लाइफ में शेड्यूल बहुत बिजी है। फिर भी मदर्स डे जैसी कोई चीज पर उनके यकीन नहीं है। उनके लिए मां ईश्वर का वरदान है। उसे हर रोज सम्मान देना चाहिए। वो मां के लिए लफ्जों के कुछ ऐसे बयां करती है। हो कभी मुश्किल तो मां को बताना, वो आपकी हर मुश्किल आसान कर देगी, उस मां को कभी मत रुलाना, क्यों उसकी एक बूंद धरती हिला देगी।

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रामगढ़, झारखंड की रहने वाली रितु सिंह के लिए मां भी स्पेशल है और मदर्स डे भी। रितु का कहना है कि वो मां के कर्ज को कभी नहीं चुका सकती। अगर उनके साथ उनकी मां ना होती तो चेहरे पर जो मुस्कान है वो कभी ना होती। मां ने ही तो हंसाना सिखाया है, वरना जिंदगी तो इम्तेहान ले लेकर रुलाती रहती।

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लंदन की रहने वाली मधु तो खुद एक मां और अपने मां के लिए भी वो स्पेशल फीलिंग रखती है। उनका कहना है कि अगर मां ना होती तो जिंदगी इतनी आसान भी ना होती। जब मदर्स डे पर उनके बेटी ने अपने कोमल हाथों से मदर्स डे पर ग्रिटींग्स बनाकर दिया तो उनके आंखों में खुशी के आंसू आ गए और ये उनके लिए खूबसूरत तोहफे सो कम नहीं है। वो लंदन में रहती है और मां इंडिया में पर फोन में बात करके ही वो अपनी मां को खुशी देती है। और जब भी मिलती है यही कोशिश रहती है कि उनकी वजह से उनकी मां को तकलीफ ना पहुंचे।



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