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इंसान ही है मोगली गर्ल 'एहसास', डॉक्‍टर बोले- Mainstream में लाना ही है मकसद

बहराइच जिले में पुलिस को गश्‍त के दौरान मिली 11 साल की तथाकथित 'मोगली गर्ल' को लखनऊ के इंदिरानगर स्थित निर्वाण रिहैबिलिटेशन सेंटर में लाया गया।

tiwarishalini
Published on: 10 April 2017 4:13 AM GMT
इंसान ही है मोगली गर्ल एहसास, डॉक्‍टर बोले- Mainstream में लाना ही है मकसद
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SUDHANSHU SAXENA

लखनऊ: राजधानी के इंदिरानगर स्थित निर्वाण रिहैबिलिटेशन सेंटर में शनिवार (08 अप्रैल) को बहराइच जिले में पुलिस को गश्‍त के दौरान मिली 11 साल की तथाकथित 'मोगली गर्ल' को लाया गया। जबसे वह यहां आई है लोगों में उसके बारे में जानने की उत्‍सुकता है। अपने रीडर्स तक इस गर्ल की एक्टिविटीज बताने के इरादे से Newstrack.com की टीम निर्वाण संस्‍था पहुंची। इंदिरानगर के तकरोही इलाके में स्थित सूर्या सिटी के निर्वाण शेल्‍टर होम एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में टीम जैसे ही पहुंची हमारा सामना पहले संस्‍था के प्रेसीडेंट डॉ. एस एस धपोला से हुआ। जैसे ही हमने उनसे मोगली गर्ल के बारे में पूछा, वह भावुक हो उठे और बोले देखिए उसे 'मोगली गर्ल' कहना उचित नहीं लगता। आखिर वह हमारी और आपकी तरह इंसान ही है। आप चाहें तो उसे हमारे दिए हुए नाम ‘एहसास’ से पुकार सकते हैं। इसके बाद उनसे बातचीत और ‘एहसास’ की एक्टिवि‍टीज की जानकारी लेने का सिलसिला शुरू हुआ। डॉ. एस एस धपोला ने बताया कि उसे सबने बेवजह ही 'मोगली गर्ल' के नाम से चर्चित कर रखा है। वह हमारी आपकी तरह इंसान है और अब हमारा मकसद उसे मेनस्‍ट्रीम में लाने का ही है। चाहे हमें साल भर या इससे ज्‍यादा का समय लग जाए।

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प्‍लेट से खाना गिरा के खाती है एहसास, लेकिन गिलास से पी लेती है पानी

Newstrack.com की टीम के लोग जब ‘एहसास’ से मिले तो वह खाना खा रही थी। उसने अपनी प्‍लेट का खाना बिखेर दिया था और अपने हाथ से उठा उठा कर रोटी के टुकड़े अपने मुंह में रख रही थी।इस पर डॉ धपोला ने बताया कि उसे खाने के तौर तरीके जल्‍द ही सिखाए जाएंगे। इसके बाद ये देखकर आश्‍चर्य हुआ कि उसकी देखभाल में लगी टीम के लोगों ने जब उसे इशारों में गिलास पकड़कर पानी पीने के लिए कहा तो उसने पानी पीने के लिए गिलास का प्रयोग किया।

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बच्‍चों के साथ बॉल से खेलती है गर्ल

दोपहर का खाना खाने के बाद ‘एहसास’ ने थोड़ी देर अपने कमरे में दूसरे बच्‍चों की तरह आराम किया। इसके थोडी देर बाद जब कुछ बच्‍चे बॉल लेकर उसके पास आए तो उसने उनके साथ बॉल से खेला भी और इसके बाद उसके चेहरे पर नॉर्मल बच्‍चों की तरह प्‍यारी मुस्‍कान छा गई। इस पर डॉ. धपोला ने बताया कि इस बच्‍ची को मेनस्‍ट्रीम में लाने के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।उसे बाकी बच्‍चों के साथ ही रखा गया है और उन बच्‍चों के साथ वह काफी कम्‍फर्टेबल है।

अगली स्लाइड में पढ़िए ‘एहसास’ के मेडिकल चेकअप शुरू, डॉक्‍टर बोले- अभी कई टेस्‍ट बाकी

‘एहसास’ के मेडिकल चेकअप शुरू, डॉक्‍टर बोले- अभी कई टेस्‍ट बाकी

डॉ. एस एस धपोला ने बताया कि बहराइच से शनिवार को इसे हमारी संस्‍था में लाया गया है। हमने इसके मेडिकल चेकअप शुरू कर दिए हैं। अभी इसका हीमोग्‍लोबिन 5.8 के निम्‍न स्‍तर पर है। इसके अलावा उसे खुजली की समस्‍या भी है। वो अपनी नित्‍यक्रिया के बारे में सूचना नहीं दे पाती है।हांलांकि उसकी नींद नार्मल है। इसके लिए हम उसे आयरन और सेट्रिजिन की दवाई दे रहे हैं।हाईजीन मेंटेन करने के लिए डायपर्स का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। हालांकि अभी उसके सायकोमेट्री टेस्‍ट शुरू नहीं हो पाए हैं। हम उसे अभी केवल आब्‍जर्व कर रहे हैं।जैसे ही बच्‍ची खुद को थोडा कमफर्टेबल महसूस करेगी, हम उसके टेस्‍ट शुरू कर देंगे। इसके अलावा उसका एक निश्चित शेडयूल बनाकर उसे अपनी भाषा और सिविक सेंस के बारे में सिखाएंगे।

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11 लोगों की टीम कर रही देखभाल

निर्वाण सेंटर के प्रेसीडेंट डॉ एस एस धपोला ने बताया कि बच्‍ची का बहुत ध्‍यान रखा जा रहा है। 11 लोगों की टीम उसको लगातार आब्‍जर्व कर रही है। इसमें डॉ दुबे, सरोज पटेल, गोविंद पटेल, सुनीता वर्मा, आरती श्रीवास्‍तव, ईशा श्रीवास्‍तव, पूजा गुप्‍ता, लाली, आराधना सिंह, निर्मला और संध्‍या को लगाया गया है।हम बच्‍ची की हर एक्टिविटीज को स्‍टडी कर रहे हैं। इसी आॅब्‍जर्वेशन के आधार पर हम आगे की रणनीति बनाएंगे।

जौनपुर के भुल्‍लर बोले- ये है हमारी बच्‍ची, डॉक्‍टर बोले- करवाएंगे डीएनए टेस्‍ट

डॉ. एस एस धपोला ने बताया कि जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर के गांव कमालपुर निवासी भुल्‍लर अली और हामिद अली रविवार को सेंटर पर आए थे। उन्‍होंने बताया कि उनके भाई रमजान अली की बच्‍ची की शक्‍ल एहसास से मिलती है और उन्‍हें पूरा विश्‍वास है कि ये उनकी बिछडी हुई बच्‍ची है। इस पर उन्‍हें बाद में रमजान अली को लेकर आने और डीएनए टेस्‍ट के साथ ही साथ प्राॅपर काउंसिलिंग के बाद ही आगे की कार्यवाही के बारे में बताया गया है। डॉक्‍टर का कहना है कि पहले तो हम इसे पूरी तरह ठीक करके ही किसी को सौंपेंगे और दूसरा रमजान अली का डीएनए टेस्‍ट भी करवाया जाएगा और बच्‍ची के डीएनए के सैंपल से मैच करवाया जाएगा। इसकी रिपोर्ट ही साफ करेगी कि रमजान अली एहसास के पिता हैं या नहीं। तब तक हमारी इसे मेनस्‍ट्रीम में लाने की कवायद जारी रहेगी।​

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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