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दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में मुंबई और कोटा, जानिए कौन है टॉप पर?

दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में भारत के दो शहर (मुंबई और कोटा) को शामिल किया गया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने संयुक्त राष्ट्र के आवास आंकड़ों के आधार पर यह बात कही है।

tiwarishalini
Published on: 25 May 2017 1:50 PM GMT
दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में मुंबई और कोटा, जानिए कौन है टॉप पर?
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दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में मुंबई और कोटा, जानिए कौन है टॉप पर?

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में भारत के दो शहर (मुंबई और कोटा) को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में बांग्लादेश की राजधानी ढाका टॉप पर है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने संयुक्त राष्ट्र के आवास आंकड़ों के आधार पर यह बात कही है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की लिस्ट में बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका को पहला स्थान मिला है। यह वर्ल्ड में सबसे अधिक घनी आबादी वाला शहर है। यहां पर प्रति वर्ग किमी 44,500 की आबादी है।

इसके बाद भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई शहर का स्थान है। जहां प्रति हेक्टेयर 31,700 लोगों का वास है। मुंबई इस मामले में दूसरे स्थान है। फोरम ने अपने लिस्ट में कुल 10 टॉप शहरों को शामिल किया है। जहां सबसे ज्यादा आबादी पाई जाती है।

राजस्‍थान का कोटा शहर देशभर में अपनी कोचिंग क्‍लासेज के लिए जाना जाता है।जहां प्रति वर्ग किलोमीटर में 12,100 लोग रहते हैं। सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों की सूची में कोटा सातवें नंबर पर है।

कोलंबिया की राजधानी मेडेलिन को लिस्ट में तीसरा स्थान दिया गया है। यहां 19,700 प्रति वर्ग किमी की आबादी पाई जाती है। जबकि फिलीपिंस की राजधानी मनीला 14,800 प्रति वर्ग किमी की आबादी के साथ चौथे स्थान पर है। मोरक्‍को के कासाब्लांका (14,200 प्रति वर्ग किमी) पांचवें स्थान पर है। नाइजीरिया का लागोस, 13,300 लोगों के साथ छठे स्थान पर है।

सिंगापुर 10,200 लोग के साथ आठवें और इंडानेशिया का जकार्ता शहर प्रति किलोमीटर 9,600 लोगों का निवास स्थान होने के साथ नौवें नंबर पर रहा दुनिया की सबसे घनी आबादी वाले शहरों में एशिया के छह शहर, तीन अफ्रीका के जबकि एक साउथ अमेरिका का है।

वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम ने कहा कि कई कारण से बहुत से लोग शहरी इलाकों में बसने का निर्णय लेते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में सामान्य तथ्य यह है कि लोग शहर में काम करने की वजह से रहते हैं। दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। यूएन को उम्मीद है कि साल 2050 में यह आंकड़ा बढ़कर 66 फीसदी हो जाएगा।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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