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मुंबई अटैकः जानें कौन है डेविड हेडली, क्‍या है उसका 26/11 कनेक्शन

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Published on: 26 Nov 2016 4:44 AM GMT
मुंबई अटैकः जानें कौन है डेविड हेडली, क्‍या है उसका 26/11 कनेक्शन
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नई दिल्ली: डेविड कॉलमेन हेडली एक अमेरिकी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाला एक आतंकी है। 26/11 मुंबई हमले की योजना बनाने में हेडली की महत्वपूर्ण भूमिका थी। हेडली मुंबई के कई जगहों के मानचित्र, चित्र लेने हमले की जगहों को चुनने में मदद करने व योजना बनाने की बात भी कबूल चुका है। उसने पाकिस्तान में लश्कर से प्रशिक्षण लेने के आरोप लगे जिसे उसने अमेरिकी कोर्ट में कबूल किया।

हेडली ने खोले बड़े राज

डेविड हेडली ने कोर्ट के सामने कबूला कि साजिद मीर नाम के शख्स ने उसे भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराया था। उसने कोर्ट से पाकिस्तान में दी गई आतंकी ट्रेनिंग का भी जिक्र किया। हेडली ने बताया कि साजिद मीर की ओर से भारतीय पासपोर्ट मिलने के बाद उसने आठ बार भारत की यात्रा की। इस दौरान वो सात बार मुंबई गया। हेडली ने बताया कि पहली बार भारत आने से पहले साजिद मीर ने उसे अपने इरादों के बारे में बताया था।

पिता रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक थे

-हेडली के मुताबिक, उसके पिता जब रिटायर हुए थे, तब वे रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक थे।

-उनका निधन 25 दिसंबर 2008 को हुआ था।

-हेडली ने कहा कि उसके पिता, भाई और कुछ अन्य परिजन पाकिस्तान इस्टैबलिसमेंट से जुड़े थे।

-वह उनका नाम जाहिर नहीं कर सकता।

हेडली ने बदला था नाम

– हेडली ने कोर्ट को बताया, ‘मैंने भारत में घुसने के लिए अपना नाम बदला। मैं एक अमेरिकी नाम से भारत में घुसना चाहता था । नाम बदलने के बाद मैंने इसकी जानकारी अपने सहयोगी और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाले साजिद मीर को दी’। उसने बताया कि 26/11 हमले के बाद वह 7 मार्च 2009 को फिर भारत आया। इस बार वह लाहौर से दिल्ली पहुंचा था।

– हेडली ने कहा, ‘मैं आठ में से सात बार पाकिस्तान से भारत आया और एक बार सऊदी अरब से. साजिद मीर ने मुझसे मुंबई शहर के सामान्य वीडियो लेने के लिए कहा था’।

– स्पेशल कोर्ट में हेडली की ओर से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी पैरवी कर रहे हैं। वहीं, आतंकी अबू जुंदाल के वकील ने कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस पेशी और गवाही को रोकने की मांग की है।

जांच में कबूला सच

एनआईए की जांच में हेडली ने हमलों में आईएसआईए और पाकिस्तानी फौज का हाथ होने की बात कबूली। उसने कबूला कि हमले को हाफिज सईद के इशारे पर अंजाम दिया गया। आईएसआई की मदद से हमले किए गए और रेकी के लिए पैसा भी दिया गया।

कबूलनामे में क्या ?

– दिल्ली में उपराष्ट्रपति के घर, इंडिया गेट और सीबीआई ऑफिस की भी रेकी की थी।

-पाक में बैठे आईएसआई के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे।

-लश्कर के जकी उर रहमान लखवी का हैंडलर आईएसआई का ब्रिगेडियर रिवाज था।

-लखवी की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई चीफ शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे।

पूर्व सीआईए विश्लेषक ने भी बताया था पाक का हाथ

पूर्व सीआईए विश्लेषक ब्रूस रीडेल ने भी कहा था कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमला पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की मदद से किया था। इसके बाद ही पेरिस हमले का खाका तैयार किया गया। उनकी यह बात अमेरिकी कांग्रेस के सांसद और आतंकवाद पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के पूर्व अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन, विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर को एक संयुक्त पत्र लिखकर बताई थी।

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