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सिद्धू के एक मुक्के से चली गई थी शख्स की जान, जानिए उनके और भी FACTS

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Published on: 18 July 2016 5:15 PM IST
सिद्धू के एक मुक्के से चली गई थी शख्स की जान, जानिए उनके और भी FACTS
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लखनऊ: इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार ओपनर, नेता और टीवी पर्सनैलिटी नवजोत सिंह सिद्धू का विवादों से भी खासा नाता रहा है। साल 1988 में पटियाला का शेरांवाला गेट चौराहा केस, जिसमें पार्किंग को लेकर गुरुनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का सड़क पर झगड़ा हो गया था। यह झगड़ा इतना विकराल रूप ले लेगा शायद इसका अंदेशा किसी को न था। बात इतनी बढ़ गई कि नवजोत ने गुरनाम के सिर पर जोरदार मुक्का मार दिया। गुरुनाम सिंह को फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसकी बाद में मौत हो गई।

मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद गुरुनाम सिंह के परिवार ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त भूपेंदर संधू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। साल 2006 में निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को दोषी करार दिया और उन्हें तीन साल कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके बाद सिद्धू को कई दिन जेल में भी बिताने पड़े थे।

इसके बाद सिद्धू ने लोकसभा की सदसयता से त्यागपत्र दे दिया। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी और कहा कि सिद्धू लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। सिद्धू ने उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हालांकि सिद्धू का कहना था कि वह निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है।

पहली बार 2004 में बने सांसद

-नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को पंजाब राज्य के पटियाला जिले में हुआ था।

-उनके पिता सरदार भगवंत सिंह सिद्धू भी एक क्रिकेट खिलाडी थे।

-सिद्धू ने पटियाला के यदिवेंद्र स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा और चंडीगढ़ के मोहिन्द्रा कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है।

-सिद्धू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून विषय में ग्रेजुएशन है।

-सिद्धू साल 1983 से 1999 तक इंडियन क्रिकेट टीम के प्लेयर रहे।

-क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद सिद्धू को बीजेपी ने लोकसभा का टिकट दिया।

-सिद्धू बीजेपी के टिकट पर 2004 में अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।

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नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का नाम भी नवजोत

संयोग से उनकी सिद्धू की पत्नी का नाम भी नवजोत है। पत्नी नवजोत कौर पेशे से डॉक्टर हैं और पंजाब विधानसभा की सदस्य भी हैं।नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पंजाब विधानसभा की अमृतसर सीट से विधायक थीं लेकिन उन्होंने अप्रैल में ही त्यागपत्र दे दिया था। वो 2012 में चुनाव जीती थीं।

सिद्धू की पत्नी हैं डॉक्टर

पेशे से डॉक्टर नवजोत कौर पंजाब के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थीं। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। नवजौत कौर ने सोशल नेट वर्किंग साइट फेसबुक पर बीजेपी से इस्तीफे की जानकारी दी थी और सीएम प्रकाश सिंह बादल पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंनें फेसबुक पेज पर लिखा .. मैंने इस्तीफा दे दिया है। अब बोझ उतर गया है।.. नवजोत कौर ने स्टिंग आपरेशन के जरिए मोहाली में एक सरकारी डॉक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस करने का खुलासा किया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होने से वो सरकार से नाराज थीं।

हर हुनर में हरफनमौला

वैसे क्रिकेट का मैदान हो या टीवी का रुपहला पर्दा या फिर राजनीति का अखाडा हर हुनर में हरफनमौला हैं नवजोत सिंह सिद्धू। इन सब के बावजूद सिद्धू की शख्सियत की पहचान उनके बेधड़क बोल से भी होती है। वाकपटुता में माहिर सिद्धू से जब एक इंटरव्यू में उनके शेरों-शायरी के अंदाज के बारें में पूछा गया तो सिद्दू ने कहा कि क्रिकेट जगत से संयास लेने के बाद उनके पास काम की कमी थी। उस दौरान उन्होंने कई शायरों की किताबें, गजलें और साहित्यकारों की किताबें पढ़ी। बस यहीं से उनके हुनर में शेरों-शायरी का एक और हुनर शुमार हो गया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। कॉमेडी, कमेंट्री या फिर राजनीतिक भाषण सिद्धू अपने बेबाक बोल से एक लय बांध देते है। तो आप भी पढ़िए सिद्धू के siddhuism के अनमोल वचन और ठोंकिए तालियां ...

-इस दुनिया मे जीतने भी चमत्कार है वो विचारो के है इन्हे गिरा डालो ये इंसान को हैवान बना देते है और इन्हे उठा डालो ये इंसान को भगवान बना देते हैं।

-कुछ पाना है तो जोखिम उठाओ जनाब।

-अनुभव वो कंघी है जो जिंदगी आपको तब देती है जब आप गंजे हो जाते हैं।

-जो कभी पासा नहीं फेंकता वह छक्का मारने की उम्मीद नहीं कर सकता।

-बिना जोखिम कुछ नहीं मिलता और जोखिम वही उठाते हैं जो साहसी होते हैं।

-समुद्र शांत हो तो कोई भी नाव चला सकता है।

-बिल्ली दस्ताने के साथ चूहे नहीं पकड़ सकती।

-उम्र जोश को ठंडा करने का उत्तम जरिया है।

-आप अकेले सभी स्वरों का मिलान नहीं कर सकते, इसके लिए ओर्केस्ट्रा की जरुरत होती है।

-एक गिरा हुआ प्रकाशस्तंभ किसी चट्टान से भी अधिक खतरनाक होता है।

-सिकंदर हालात के आगे नहीं झुकता, तारा टूट भी जाए जमीन पर नहीं गिरता,

अरे गिरते है हजारों दरिया समुंदर मे पर कभी कोई समुंदर किसी दरिया मे नहीं गिरता।



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