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देश में 'अविश्वास प्रस्ताव' का रहा है लंबा-चौड़ा इतिहास, जानिए 25 रोचक बातें
नई दिल्ली : अविश्वास प्रस्ताव देश के लिए कोई नया शब्द नहीं है। दशकों पहले से इसे सुना और समझा जाता रहा है। शुक्रवार को देश की सरकार एक बार फिर इससे रूबरू होगी। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि इससे पहले कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव सदन में लाया गया और उसका क्या अंजाम हुआ।
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- पहली बार अगस्त 1963 में जेबी कृपलानी ने पीएम जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा।
- प्रस्ताव के समर्थन में 62 वोट पड़े और विरोध में 347 वोट।
- अब तक संसद में 26 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं।
- 24 बार ये प्रस्ताव फेल हुए हैं।
- 1978 में मोरारजी देसाई सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसमें उनकी सरकार गिर गई।
- देसाई सरकार के खिलाफ दो बार अविश्वास प्रस्ताव रखे गए थे।
- सदन में जब दूसरा प्रस्ताव आया तो उस समय देसाई सरकार के समर्थक दलों में कई मतभेद उपज चुके थे। ऐसे में मोरारजी देसाई ने मतविभाजन से पहले ही इस्तीफ सौंप दिया।
- कांग्रेस नेता और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की सरकार ने सबसे अधिक 15 अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया।
- लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव की सरकारों ने 3 बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया है।
- 1993 में नरसिम्हा राव बहुत कम अंतर से अविश्वास प्रस्ताव पर विजय हासिल कर सके थे। बाद में उनपर झामुमो सांसदों को लालच देने का आरोप लगा।
- अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का रिकॉर्ड मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नाम दर्ज है।
- इस दल ने चारों प्रस्ताव पूर्व की इंदिरा सरकार के विरुद्ध सदन में रखे।
- पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष में रहते हुए दो बार अविश्वास प्रस्ताव सदन में रखा।
- अटल का पहला प्रस्ताव इंदिरा सरकार के खिलाफ जबकि दूसरा नरसिम्हा राव सरकार के खिलाफ था।
- अटल जब पीएम बने तो उन्होंने दो बार विश्वास मत हासिल करने का असफल प्रयास किया।
- अटल ने 1996 में तो मतविभाजन से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया।
- 1998 में अटल एक वोट प्रस्ताव हार गए।
- 2008 में सीपीएम मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई।
- यह प्रस्ताव अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते की वजह से लाया गया।
- अविश्वास प्रस्ताव पर अब तक चार बार ध्वनि मत से निर्णय हुआ है।
- 20 बार इन पर वोटिंग हुई।
- दस बार देश के पीएम को अविश्वास प्रस्ताव लेने को कहा गया।
- इनमें से 5 सफल और इतने ही असफल रहे।
- 1990 के दशक में वीपी सिंह, एच डी देवेगौड़ा, आईके गुजराल और अटल बिहारी की सरकार विश्वास प्रस्ताव हारीं।
- 1979 में तत्काली पीएम चरण सिंह ने ऐसे ही प्रस्ताव के बाद इस्तीफा दिया था।
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