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दूध का कर्ज उतारने के लिए बनवाया था मंदिर, अब यहां शूट हुुआ फोटो एल्बम
वाराणसीः मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर काशीवासियों के साथ ही टूरिस्टों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहा है। इस मंदिर को श्रापित कहा जाता है। पिछले दिनों मंदिर के शिखर पर बिजली गिरने से यह मंदिर काफी चर्चा में आ गया है। वाराणसी के फोटोग्राफर विनय त्रिपाठी ने इस मंदिर पर फोटो एल्बम शूट किया है।
और क्या बताया फोटोग्राफर ने ?
-फोटोग्राफर ने कहा कि दिल्ली की ओडिसी डांसर जया मेहता के साथ फोटो एल्बम शूट हुआ है।
-उनका मानना है कि मंदिर से संगीत का पुराना रिश्ता है।
-मंदिर की शैली, बनावट और झुका होना एल्बम का प्रमुख हिस्सा है।
-20 से ज्यादा एंगल पर फोटोग्राफी की गई है।
-एल्बम का अगला पार्ट कोणार्क, खजुराहो और मदुरई के मंदिरों के बाहर शूट होगा।
-इसका एग्जीबिशन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और राजस्थान में से किसी एक जगह पर लगाया जाएगा।
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क्यों श्रापित है मंदिर?
पुजारी राजकुमार पांडे ने कहा कि यह मंदिर 1500 में बना था। यह मंदिर शुरू से ही एक तरफ झुका और धरती में धंसा हुआ है। राजा मान सिंह के समय में उनके एक सेवक ने मां के दूध का कर्ज चुकता करने के मकसद से महादेव का मंदिर बनवाया था। मंदिर बनने के बाद सेवक अपनी मां को वहां ले गया और बोला कि मां मैंने तेरे दूध का कर्ज चुका दिया। मां को कष्ट हुआ कि बेटा यह मंदिर बनवाकर दूध का कर्ज उतारना चाहता है। मां ने मंदिर के अंदर गए बिना बाहर से प्रणाम किया और जाने लगी, तो बेटे ने कहा- मां दर्शन कर लो। मां ने जवाब दिया- बेटा, मंदिर को मुड़कर देख। बेटे ने जब पलट कर देखा तो मंदिर टेढ़ा हो चुका था। साथ ही जमीन में धंस गया था। कहा जाता है कि मां की पीड़ा श्राप में प्रकट हुई जिससे ऐसी घटना हुई। जिस मकसद से मंदिर बनवाया गया था, वह पूरा नहीं हुआ और बेटे पर दूध का कर्ज रह गया। मां का नाम रत्ना था, इसलिए मंदिर का नाम रत्नेश्वर महादेव पड़ गया।
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