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संतरे केवल हड्डियों को मजबूत ही नहीं करते हैं , रोकते है 'मैकुलर डिजनरेशन'

Anoop Ojha
Published on: 26 July 2018 1:27 PM GMT
संतरे केवल हड्डियों को मजबूत ही नहीं करते हैं , रोकते है मैकुलर डिजनरेशन
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विवेक सिंह चौहान

लखनऊ : संतरे का नियमित सेवन मैकुलर डिजनरेशन की संभावना को 60 प्रतिशत तक कम करता है। इस बीमारी में मैक्यूला, जो कि रेटिना का केंद्रीय हिस्सा होता है खराब हो जाता है और उसपर छोटे- छोटेधब्बे दिखाई देते हैं। दुर्भाग्य से इसके डिजनरेशन का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो सका है। ज्यादातर मामलों में, इसके लक्षण तब प्रकट होते हैं जब लोग अपनी उम्र 50 और 60 के दशक में होते हैं। सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा एक अध्ययन 2,037 लोगों पर आयोजित किया गया।

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जिसमें 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की आहार संबंधी आदतों के बारे में पूछाा गया और 15 वर्ष तक निगरानी करने के बाद जांच करने पर यह पता चला कि जो लोग नियमित रूप से संतरे का सेवन कर रहे थे उनमें य​ह भयावह बीमारी लगभग 60 प्रतिशत तक कम मिली।

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शोधकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि इस लाभ का कारण संतरे में उपस्थित flavonoids है। Flavonoids वह रसायन है जो फल और सब्जियों को उनके विशिष्ट रंग देते हैं। इन्हें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट की एक चिकित्सक डॉ पूनम तिवारी ने कहा कि इसे रोकने के लिए हमें विटामिन सी और जिंक को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। विटामिन सी में विभिन्न रसायनों का संयोजन शामिल हैं। खट्टे फल जैसे अमरूद,संतरा व आंवला एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध है जो अपघटन रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय आॅवला, संतरा और पपीता का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। जिससे निश्चित रूप से रोग की रोकथाम की संभावना अधिक होगी।

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लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल एक नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीव गुप्ता ने कहा "हालांकि मैक्यूला का डीजनरेशन ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन अपघटन की दर धीमी हो सकती है।, "चिकित्सा प्रक्रियाओं के माध्यम से इसकी शुरुआती पहचान महत्वपूर्ण है। मैकुलर डीजनरेशन मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है क्यूकि लोग अपनी आंखों की जांच के लिए नहीं जाते हैं, इसलिए इनमें से कई मामले ज्ञात नहीं रहते हैं। इस स्थिति के लिए दबाव और तनाव भी जिम्मेदार है। अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन शायद संतरे और अन्य साइट्रस फल एक दिन एक निवारक उपचार का आधार बनेंगे।

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रायबरेली स्थित 'सीतापुर आई अस्पताल' के आंख विशेषज्ञ डॉ रवि भाटिया ने कहा एक , मैकुलर गिरावट रोगी आंशिक अंधा हो जाता है और धीरे-धीरे अंधापन बढ़ता जाता है।यह दो प्रकार का होता है। 90 प्रतिशत रोगी शुष्क प्रकार से पीड़ित होते हैं, पर इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं है, फिर भी यह माना जाता है कि शुष्क मैकुलर डीजनरेशन उम्र के साथ आता है।

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गीला प्रकार रोगी की आंखों में दूषित तरल पदार्थ से अधिक होने के कारण,होता हेै। इस आंख विकार के व्यापक फैलाव के बारे में शोध के महत्व को इंगित करते हुए उन्होंने कहा, समस्या के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, इसलिए इसके सटीक निर्धारण के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।इसका सटीक कारण जान कर निकट भविष्य में इसे ठीक किया जा सकता है। "

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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