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हर गरीब की आस बनी ये नेकी की दीवार, कर रही जरूरतमंदों की मदद

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Published on: 8 Oct 2016 4:39 AM GMT
हर गरीब की आस बनी ये नेकी की दीवार, कर रही जरूरतमंदों की मदद
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वाराणसीः धर्म नगरी काशी में इन दिनों एक ऐसी दीवार खड़ी हुई है जहां जाने पर जात-पात, धर्म, अमीरी गरीबी सब खत्म हो जा रही है। यह नेकी की दीवार वो काम कर रही है जिसे हम सब सोचते तो है लेकिन करते नहीं। इस दीवार को "नेकी की दीवार" नाम दिया गया है। हम आपको बताएंगे कि क्या है ये नेकी की दीवार और कैसे इस दीवार के पास लोगों को मदद मिल रही है।

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गरीबों को बांट रही मुफ्त में कपड़े

दरअसल ये नेकी की दीवार समाज के उन दो तबको को जोड़ रही है जिसे हम अमीर और गरीब के नाम से जानते हैं। पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय के कुछ ही कदमों के फासले पर लोहे के जालियों से बना ये दीवार काशी में इन दिनों नेकी के दीवार के नाम से जाना जा रहा है। जो पिछले कुछ दिनों से समाज में रह रहे उन गरीब नागरिकों को कपड़े पहना रहा है जो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर ले रहे है लेकिन शरीर को ढकने के लिए कपड़े नहीं जुटा पा रहे है। ये दीवार उन गरीबो को मुफ्त में कपड़े, खिलौने, जूते, बर्तन और जरूरत के सामान गरीबो को मुहइया करवा रही है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें कैसे बनीं ये नेकी की दीवार..

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स्वयं सेवी संस्था ने बनाई नेकी की दीवार

एक स्वयं सेवी संस्था द्वारा बना हुआ ये नेकी का दीवार, समाज में उनके सहयोग से चलाया जा रहा हैं जिनके पास पुराने कपड़े, बर्तन, जूता और बाकी घरेलु सामान पुराने हो जाने पर फेंक दिए जाते है। ये संस्था उन्हीं लोगों द्वारा ये पुराने समान को जूटा कर इस नेकी के दिवार के जरिए उन गरीबों तक पहुंचा रही हैं जो बिना कपड़े के अपनी दिन रात बिता देते है।

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नेकी की दिवार के संयोजक मनमोहन अग्रवाल?

दरअसल इस संस्था के अध्यक्ष द्वारा ये विचार राजस्थान से लाई गई है। उन्होंने बताया कि वहां इसी तरह सड़क के किनारे लोहे का एक जाली बनाकर उसके अंदर पुराने कपड़े रखे जाते है जहां हर जरूरतमंद व्यक्ति आकर अपने काम की चीजें लेकर मुफ्त में जा सकता है। उसी तर्ज पर वाराणसी में भी इस योजाना को उसी नाम से खोला गया है।

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लेने से ज्यादा हैं देने वाले

अभी कुछ दिन ही बीते है इस नेकी के दीवार को खुले हुए और यहां लेने वालों से अधिक देने वालों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। जो अपने पुराने कपडे, बर्तन, जूता लेकर यहां दे रहे है ताकि जरूरतमंद लोग अपने मतलब के सामान यहां से ले जा सके। तो वही वाराणसी में गरीब या जरूरतमंद लोग यहां आकर अपने लिए कपड़े, बर्तन और बच्चों के खिलौने लेके जा रहे हैं।

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आप भी कमा सकते हैं नेकी

इस नेकी की दीवार के कारण वाराणसी में उन लोगों को काफी आराम हो गया हैं जो अपने पुराने सामान फेंक देते थे। अब उन्हें एक ऐसा स्थान मिल गया है जहां उनके पुराने सामान उपयोग में आ रहे है। यहां जो जरुरत मंद सामान ले के जा रहा हैं वो दुआ दे रहा है और जो पुराने सामान देने आ रहा हैं वो नेकी कमा रहा है। शायद इसी लिए इस कैम्प का नाम नेकी को दीवार रखा गया है। अगर आप भी वाराणसी या उसके आस पास रहते है तो अपने पुराने सामान आपको फेंकने की जरुरत नहीं है। आप यहां आकर नेकी कमा सकते है ।

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