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जानिए 19 पॉइंट में कैसे बनती है 'पाक सरकार', कुछ गणित इंडिया जैसा भी

Rishi
Published on: 26 July 2018 4:52 AM GMT
जानिए 19 पॉइंट में कैसे बनती है पाक सरकार, कुछ गणित इंडिया जैसा भी
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नई दिल्ली : पाकिस्तान में वोटिंग के बाद अब काउंटिंग चल रही है। जल्द ही देश को नया पीएम मिलने वाला है। हमारे देश में भी इस बात की उत्सुकता है कि किस के सर सजेगा पाकिस्तान का ताज। हम वो भी बताएंगे लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए पाकिस्तान में चुनाव होते कैसे हैं।

  1. चुनाव में 3,459 उम्मीदवार मैदान में थे,
  2. 171 महिलाएं भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही हैं।
  3. लगभग 10.596 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं।
  4. वोटर्स में 4.67 करोड़ महिलाएं और 5.92 करोड़ पुरुष हैं।
  5. नेशनल एसेम्बली पाकिस्तान की संसद का निचला सदन है, जैसे अपने यहां लोकसभा होती है
  6. नेशनल एसेम्बली में 342 मेंबर होते हैं।
  7. लेकिन सिर्फ 272 सीटों के लिए इलेक्शन होता है,
  8. 60 सीटें महिलाओं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए रिजर्व हैं।
  9. नेशनल एसेम्बली के मेंबर इलेक्शन के जरिए चुन कर आते हैं।
  10. आज भी यहां इलेक्शन में बैलेट पेपर यूज होता है
  11. पाकिस्तान में नेशनल एसेंबली और प्रोविंसियल एसेंबली का इलेक्शन एक साथ होता है।
  12. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव नहीं कराये जाते हैं।
  13. सीनेट का कार्यकाल 6 साल का है
  14. तीन वर्ष में इसके सदस्यों के लिए इलेक्शन होता है।
  15. सीनेट में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं। इसका कार्यकाल 5 साल का होता है। इस इलेक्शन के जरिए देश का अध्यक्ष, पीएम और नेता विपक्ष चुना जाता है।
  16. सीनेट में 104 सीटें हैं जिसमें 56 सामान्य,6 टेक्नोक्रेट/ उलेमा, 16 महिला, 4 अल्पसंख्यक, 4 फेडरल कैपिटल और 8 फाटा की हैं।
  17. पाकिस्तान में 4 सूबे और 2 क्षेत्र है।
  18. 39 सीटें खैबर पख्तूनख्वा,12 फाटा, 3 इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र, 141 पंजाब, 61 सिंध और 16 बलोचिस्तान में हैं।
  19. सरकार बनाने के लिए 137 सामान्य सीटों पर इलेक्शन जीतना जरुरी है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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