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कहां से हुई पकौड़ा की शुरूआत, जिस पर राजनीतिक पार्टियां आज ले रही हैं चटकारेे

suman
Published on: 8 Feb 2018 6:31 AM GMT
कहां से हुई पकौड़ा की शुरूआत, जिस पर राजनीतिक पार्टियां आज ले रही हैं चटकारेे
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जयपुर: पहले चाय और अब पौकड़ा पॉलिटिक्स। आजकल पकौड़ों के नाम पर सियासत खेली जा रही है ।इन दिनों देश मे राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। अलग-अलग राजनीतिक पार्टी पकौड़ों के नाम पर अपनी-अपनी भजिया तलने में लगी हुई हैं। लेकिन क्या पता है जिन पकौड़ों पर राजनीति खेली जा रही है। उसकी असल में शुरुआत किस देश से हुई हैं।

प्राचीन भारत में भी पकौड़ा तलने का उल्लेख मिलता है. चूंकि पकौड़े को संस्कृत में "पक्कवट" कहा जाता रहा है. लिहाजा तय है कि "पक्कवट" शब्द वेद या पुराणों में जरूर कहीं न कहीं होगा। पक्कवट शब्दों से मिलकर बना है।पकवा यानि पका हुआ और वटा यानि छोटा टुकड़ा। पकौड़ा को कुछ जगह पकौरा कहते हैं। कुछ पकुरा, कुछ फकुरा, पकौड़ा वैसे तो मूलरूप से एकदम शाकाहारी डिश है लेकिन जब मुगल आए। उन्होंने इसका स्वाद लिया तो ये उन्हें इतना भाया कि पकौड़ा शाही दश्तरखान में पहुंच गया। शाही बावर्चियों ने इस पर अपने प्रयोग किए। चिकन, मटन और अंडों का पकौड़ा तैयार किया। य़ानि मुगल बादशाहों की शाही रसोई ने इसे नॉनवेज व्यंजन भी बना दिया। इस्लामी असर ने इसका नाम पकौरा कर दिया। द्रविड़ियन यानि तमिल उसे हमेशा पकौड़ा कहते आए हैं। बंगाल में इसे पकुरा या फकुरा कहते है।

वैसे तो भारत में ज्यादातर व्यंजन विदेशों से आए हैं, लेकिन पकौड़ा या पकौड़ी भारत की ऐसी डिश है, जो भारत के साथ दूसरे देशों में भी फेमस है। पकौड़े भारत की ही देन हैं। इसके बाद यह दूसरे देशों में फेमस हुआ और अब पकौड़ों को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

16वीं शताब्दी में स्पेन और पुर्तगाल के जहाजों के नाविक भारत से अपने साथ कुछ रसोइयों को साथ ले गए थे। इन्होंने यूरोपीय लोगों को पकौड़ों और भज्जियां बनाकर उनका स्वाद चखाया। इसके बाद वे नाविक जापान में रुके, जहां कुछ रसोइये रुक गए। उन रसोइयों ने जापानियों को पकौड़ों का स्वाद चखाया, जो उन्हें बहुत पसंद आया। इसी प्रकार से पकौड़ा विभिन्न रूपों में और भी कई देशों तक पहुंच गया। दक्षिण भारत में भजिया, ओडिशा-बंगाल में ‘पियाजी’, राजस्थान में, खास कर जोधपुर में 'मिर्ची बड़ा'। देश से बाहर अमेरिका में ‘प्रेत्जल’, यूरोप में ‘फ्रिटर्स’ व जापान में ‘टेंपुरा’

पकौड़ों पर सियासत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद शुरू हुई। पकौड़ा भारत से कई देशों में गया। दक्षिण एशिया और ब्रिटेन में इसका स्वाद सिर चढ़कर बोला। स्काटलैंड में तो ये खास तरह की ग्रेवी के साथ परोसा जाता है और कहा जाता पकौड़ा ग्रेवी। चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मलेशिया, नेपाल जैसे देशों में भी पकौड़े की महिमा न्यारी रही है, कहीं कहीं इसे भजिया भी कह देते हैं। सोमालिया में इसे भजिए ही कहा जाता है। अंग्रेज जब भारत से गए तो पकौड़े को खासतौर पर साथ ले गए। पूरे ब्रिटेन भारतीय, बांग्लादेशी और पाकिस्तान पकौड़ा स्नैक्स के चेन रेस्टोरेंट चलाते हैं, खूब पैसा बनाते हैं। लोगों को रोजगार देते हैं। अब तक पकौड़े के सियासी मतलब भले नहीं रहे हों, लेकिन अब तो राजनीति में भी ये व्यंजन खूब उछल रहा है।

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