बच्चा आपका है, फिर इतना गुस्सा क्यों, तमीज और तहजीब से संवारे उसका बचपन

suman
Published on: 26 April 2017 5:24 AM GMT
बच्चा आपका है, फिर इतना गुस्सा क्यों, तमीज और तहजीब से संवारे उसका बचपन
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लखनऊ: मां-बाप बनना पैरेंट्स के लिए खुशनूमा पल होता है। बच्चों की उम्र चाहे कुछ भी हो, पर पैरेंट्स बनने के बाद आपकी जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होती। अच्छे पैरेंट्स बनने के लिए आपको इस कला में माहिर होना पड़ेगा कि कैसे अपने बच्चों को सही और गलत में अंतर बताए। उन्हें एक स्वतंत्र, कामयाब और आत्मविश्वासी इंसान बनाते है।यदि बच्चे शरारत करते हैं तो अक्सर लोग बच्चों पर हाथ उठाते है, उन्हें डराते धमकाते हैं। लेकिन ये सही नहीं है।

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ज्यादा गुस्सा अच्छा नहीं

हालांकि ये सब माता-पिता अपने बच्चों की गलतियां सुधारने के लिए ही करते हैं, लेकिन कई बार बच्चों पर ज्यादा गुस्सा भी अच्छा नहीं होता है। बच्चों पर हाथ उठाने से उनमें कई प्रकार के बुरे बदलाव आते है जो उनकी जिंदगी पर बहुत बुरा असर डालते हैं।

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पैरेंट्स से नफरत

यदि आप उन पर जरूरत से ज्यादा गुस्सा करते हैं तो आपके बच्चे के अंदर आपके लिए दुर्भावना आती है, हो सकता है कि आपका बच्चा आपसे नफरत भी करने लगे जिससे वो आपको अपना न समझकर गलत संगत में भी पड़ सकता है।

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नो हो जाएं चिड़चिड़ा

बार-बार डांट सुनकर बच्चा विद्रोही होता है और अपनी हर बात मनवाने के लिए आपसे जिद्द करने लगेगा और जिससे वह चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाएगा और यही स्वभाव उसके लिए आगे चलकर रूकावट बन सकता है।

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हीन भावना का शिकार

कई बार मार खाने से या डांट सुनने से बच्चों में डर की भावना भी पैदा होती है जिससे वह हीन भावना से ग्रसित हो जाता है और यही बात उसके विकास के लिए घातक होती है।इसलिए जितना हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और बच्चे की गलतियों को प्यार से हैंडल करें और आपस में तालमेल बिठाकर कोई भी बात को सुलझाएं।

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