×

रिवायती अंदाज में मनाया गया हजरत इमाम हुसैन चेहलुम

नवाबों की नगरी में भी आज इंसानियत कि मिसाल पेश करने वाले हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों कि याद में चेहलुम मनाया गया। चेहलुम का जुलूस इमामबाड़ा नाज़िम साहब से अपने रिवायती अंदाज में निकला। इस दौरान शहर की मातमी अंजुमनों ने सीनाजनी और नौहाख्वानी करते हुए कर्बला के शहीदों को याद किया।

priyankajoshi
Published on: 21 Nov 2016 7:57 PM IST
रिवायती अंदाज में मनाया गया हजरत इमाम हुसैन चेहलुम
X

chehallum-lko-5

लखनऊ : नवाबों की नगरी में भी आज इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की याद में चेहलुम मनाया गया। चेहलुम का जुलूस इमामबाड़ा नाज़िम साहब से अपने रिवायती अंदाज में निकला। इस दौरान शहर की मातमी अंजुमनों ने सीनाजनी और नौहाख्वानी करते हुए कर्बला के शहीदों को याद किया।

क्लीन जुलूस का दिया संदेश

काले कपड़े ,मातम की सदाएं और आंखों में आंसू यह मंज़र है लखनऊ का। जहां अजादार इमाम हुसैन का गम मनाते नजर आए। इमाम हुसैन ने दुनिया को इंसानियत और अहिंसा का सबक देने के लिए कर्बला में अपने परिवार को कुरबान कर दिया। हक और इंसाफ के रास्ते में इमाम हुसैन और उनके परिवार ने कुरबानी पेश की जिसकी याद में पूरी दुनिया में अज़ादार इमाम हुसैन का गम मनाते है।

लड़कियां और नौजवानों ने दिया संदेश

वैसे लखनऊ का चेहलुम दुनिया भर में मशहूर है लेकिन इस बार जुलूस में लड़कियां और नौजवान सफाई का संदेश देते नजर आए, हाथों में काली पॉलीथिन पकड़े नौजवान लोगों से गंदगी सड़क पर न फैलाने की गुजारिश कर रहे थे। विक्टोरिया स्ट्रीट से लेकर तालकटोरा की कर्बला तक नौजवान हाथ में तख्ती पर लिखा क्लीन जुलूस का संदेश देते नजर आए।

चेहलुम का जुलूस दुनियाभर में मशहूर

पहली मोहर्रम से जारी जुलूसों का सिलसिला 2 महीने 8 दिन तक इमाम हुसैन और उनके साथ कर्बला में दीन को बचाने के लिए शहीदों की याद में चलता रहता है लखनऊ में होने वाली अज़ादारी और जुलूस को देखने के लिए पूरी दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहां के रस्मो-रिवाज और तौर-तरीके अपने साथ ले जाते है।

कर्बला में शहीदों के चेहलुम के लिए भी है मशहूर

लखनऊ सिर्फ मोहर्रम के लिए ही नहीं बल्कि कर्बला में शहीदों के चेहलुम के लिए भी मशहूर है जहां सैकड़ों लोगों ने एक साथ इमाम हुसैन को खिराजे अकीदत पेश की। इमाम हुसैन ने अपने पूरे परिवार और दोस्तों के साथ इस्लाम को बचाने के लिए शहादत पेश कर यह साबित कर दिया कि सच की हमेशा जीत होती है।

आतंकवाद के खिलाफ पैगाम है अज़ादारी

सियाह लिबास और मातम की सदा के साथ आज़ादरों ने इमाम हुसैन को आंसुओ का नजराना पेश किया। चेहलुम के मौके पर ताबूत और अलम मुबारक का जुलूस अपने रवायती अंदाज में निकला तो मज़हब से परे लाखों लोगों का हुजूम अलम मुबारक की जियारत के लिए दूर-दूर से खिंचा चला आया। जुलूसे मातम और मजलिसे अज़ा का यह सिलसिला दुनिया रहने तक बाकी रहेगा। कर्बला के वाकये ने दुनिया को इंसानियत का सबक सिखा दिया। इस अज़ादारी के जरिए पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ न झुकने का जो सबक इमाम हुसैन ने दिया उसे अज़ादार शिद्दत से फैलाते है।

आगे की स्लाइड्स में देखिए कुछ अन्य तस्वीरें...

chehallum-lko

chehallum-lko1

chehallum-lko2

chehallum-lko3

chehallum-lko-11

chehallum-lko-6

chehallum-lko-13

chehallum-lko-15

chehallum-lko-10

chehallum-lko-9

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story